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भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान 11 अगस्त को शहीद हुए थे जगतपति कुमार समेत आजादी के सात मतवाले,

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भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान 11 अगस्त को शहीद हुए थे जगतपति कुमार समेत आजादी के सात मतवाले,  ० ताजा हुई थी खुदीराम बोस के शहादत की याद,  ० वीरता का बखान रहा है पटना का शहीद स्मारक विद्या सागर  पटना । तारीख 11 अगस्त 1942, स्थान पटना सचिवालय, समय भरी दोपहरी, भारत माँ को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने को मतवाले युवाओं की टोली, तिरंगे को फहराने का इरादा लिए जैसे ही पहुंची, वैसे ही बर्बर ब्रिटिश हुकूमत की बंदूकों से गोलियां उगल पड़ी और देखते ही देखते सात नौजवान देश की आजादी की बलिवेदी पर शहीद हो गए लेकिन शहीद होते-होते इन्होने हिंदोस्तान की आन-बान-शान तिरंगे को फहरा डाला। इन नौजवानों की शहादत के साथ ही 11 अगस्त 1908 की उस घड़ी की यादें ताजी हो गई जब मुज्जफरपुर जेल में इसी आततायी ब्रितानी सरकार ने जंग ए आजादी के दीवाने क्रांतिकारी खुदीराम बोस को फांसी के तख्त पर लटका दिया गया था। इन शहीदों का नाम आज भी सारा देश इज्जत के साथ लेता है और पटना सचिवालय पर तिरंगा लहराने वाले सात शहीदों के शहादत की वीरगाथा का बयान पटना में वर्तमान पुराना सचिवालय के पास स्थित शहीद स्मारक बखूबी कर रहा ह