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गलत पार्किंग दिखे तो फोटो ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक एकाउंट पर डालें

गलत पार्किंग दिखे तो फोटो ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक एकाउंट पर डालें पटना. पटना ट्रैफिक पुलिस का फेसबुक एकाउंट फिर से एक्टिव होगा। वो भी नई सुविधा के साथ। फेसबुक पेज पर शहर में जाम की समस्या को दूर करने की नई कवायद शुरू होगी। एकाउंट पर आम आदमी भी अवैध रूप से पार्किंग करने वाले वाहनों की फोटो पोस्ट करेगा, जिस पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करेगी।   ट्रैफिक एसपी प्राणतोष  कुमार दास ने बताया कि पूरे शहर में जाम की समस्या है। इसमें ट्रैफिक पुलिस के साथ आम आदमी को भी सहयोग करने की जरूरत है। ऐसे में ट्रैफिक पुलिस आम लोगों का  सहयोग फेसबुक एकाउंट के माध्यम से लेगी। फेसबुक पेज पर कोई भी व्यक्ति शहर में कहीं भी नो पार्किंग जोन में खड़े वाहनों को फेसबुक पर पाेस्ट करेगा।   फोटो को  ट्रैफिक पुलिस साक्ष्य के रूप में लेकर संबंधित पोस्ट को तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया जाएगा। फोटो में वाहन के नंबर के साथ जगह का भी उल्लेख करना होगा। एकाउंट की मानिटरिंग ट्रैफिक एसपी स्वयं करेंगे। फेसबुक पर पटना ट्रैफिक पुलिस के नाम से एकाउंट बनाया गया है।  लाइसेंस रद्द करने की होगी सिफारिश   फेसबुक पर पोस्ट फ

‘दिल्ली फूलों में बसी, ओस कणों से भींगी’

‘दिल्ली फूलों में बसी, ओस कणों से भींगी’ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 108 वीं जयंती पर पटना कॉलेज  में समारोह संपन्न विद्या सागर पटना। ‘‘दिल्ली फूलों में बसी, ओस कणों से भींगी, दिल्ली सुहाग है, सुषमा है, रंगीनी है। प्रेमिका कंठ में पडी मालती की माला, दिल्ली सपनों की सेज मधुर रस-भीनी है’’। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की भारत की यह रेशम नगर कविता की पंक्तियों से पटना कॉलेज का सेमिनार हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंजउठा। दिनकर जी की 108 वीं जयंती पर पटना कॉलेज के हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा कॉलेज के सेमिनार हॉल  में आयोजित समारोह में उक्त पंक्तियों का पाठ मुख्य अतिथि हिन्दी के वरिष्ठ कवि डॉ  केदारनाथ सिंह ने किया। डॉ सिंह ने दिनकर जी की कविताओं के कुछ विरल गुणों की ओर ध्यार्ण आकृष्ट कराया। उन्होंने राष्ट्रकवि के जीवन से जुड़े कुछ संस्मरण भी सुनाएं। दिनकर जी द्वारा रचित कविता ’‘भारत की यह रेशम नगर’’ और ‘चांद का कुत्ता ’ की पंक्तियों का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी के आलोचक डॉ  नंदकिशोर नवल ने की। पटना विश्वविद्यालय के हिन्दी के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. बलराम तिवारी ने राष्

रामधारी सिंह 'दिनकर'

रामधारी सिंह 'दिनकर' ( २३ सितंबर १९०८- २४ अप्रैल १९७४ ) हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। बिहार प्रान्त के बेगुसराय जिले का सिमरिया घाट उनकी जन्मस्थली है। उन्होंने इतिहास, दर्शनशास्त्र और राजनीति विज्ञान की पढ़ाई पटना विश्वविद्यालय से की। उन्होंने संस्कृत, बांग्ला, अंग्रेजी और उर्दू का गहन अध्ययन किया था। 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद राष्ट्रकवि के नाम से जाने गये। वे छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि थे। एक ओर उनकी कविताओ में ओज, विद्रोह, आक्रोश और क्रान्ति की पुकार है तो दूसरी ओर कोमल श्रृंगारिक भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इन्हीं दो प्रवृत्तियों का चरम उत्कर्ष हमें उनकी कुरुक्षेत्र और उर्वशी नामक कृतियों में मिलता है। उर्वशी को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार जबकि कुरुक्षेत्र को विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ काव्यों में ७४वाँ स्थान दिया गया। जीवन परिचय दिनकर का जन्म २३ सितंबर १९०८ को सिमरिया, मुंगेर, बिहार में हुआ

अभिव्यक्ति : पटना में भी चिकित्सकों व जांच केन्द्रों के खिलाफ अभियान चलायें सांसद पप्पु

अभिव्यक्ति : पटना में भी चिकित्सकों व जांच केन्द्रों के खिलाफ अभियान चलायें सांसद पप्पु

पटना में भी चिकित्सकों व जांच केन्द्रों के खिलाफ अभियान चलायें सांसद पप्पु

पटना में भी चिकित्सकों व जांच केन्द्रों के खिलाफ अभियान चलायें सांसद पप्पु विद्या सागर मधेपुरा के सांसद पप्पु यादव ने चिकित्सकों व जांच केन्द्रों की फिस को लेकर जो मुहिम छेड़ा है वह वास्तव में स्वागत योग्य है। मैं सांसद के इस कदम का स्वागत करता हंु। डाॅक्टरों व जांच केन्द्रों के चक्की में आम लोग पीस रहे हैं। वैसे लोग जिनके पास इलाज कराने को पैसा नहीं है। पटना में किसी भी डाॅक्टर की फिस 500 रूपये से कम नहीं है। कोई भी बिमारी हो डाॅक्टर एक जांच तो जरूर लिखते हैं। डाॅक्टर जिस केन्द्र पर जांच कराने के लिए कहते हैं मजबूरी में मरीजों को वहां जांच कराने जाना पड़ता है। फिर शुरू होता है जांच केन्द्रों के भयादोहन का खेल। कोई भी जांच 500 रूपयेे से कम का नहीं होगा। सांसद के इस प्रयास को चाहिए की सरकार अपने स्तर से करे। निजी जांच केन्द्र पटना ही नहीं बल्कि पुरे बिहार में बिना पंजीयन के चल रहे है। ऐसे जांच केन्द्रो पर छापेमारी कर सरकार इसे बंद करे और उनके संचालकों को जेल भेजे। ताकि मध्यम व गरीब वर्ग के लोग इनके भैया दोहन से बचे। पटना में तो ऐसी स्थिती है कि निजी चिकित्सा केन्द्रों में ईलाज कर

पटना काॅलेज में बदाल है बाॅस्केट बाॅल का कोट

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पटना काॅलेज में बदाल है बाॅस्केट बाॅल का कोट रख रखाव के अभाव में टुट रहा है बाॅस्केट पोल, कोट में जमा है बारिश का पानी विद्या सागर पटना (एसएनबी)। खेल का दर्जा यहां भगवान जैसा है, खेल मैदान यहां शमसान जैसा है। जी हां पटना काॅलेज के बाॅस्केट बाॅल ग्राउंड का यही हाल है। कमेटी खिला़िडयों से गुलजार रहने वाला यह खेल मैदान आज सुना प़डा है। वर्षो पहले इस मैदान में काॅलेज के छात्रों को बाॅस्केट बाॅल खेलने का प्रशिक्षण दिया था। पटना काॅलेज ही नहीं पटना विश्वविद्यालय के दूसरे काॅलेज के छात्र भी यहां बाॅस्केट बाॅल का प्रशिक्षण लेते थे। छात्र-छात्राएं यहां बाॅस्केट बाॅल का अभ्यास करने प्रतिदिन आते थे। काॅलेज के कर्मचारी जीतू ने बताया कि वर्ष 2003-2004 के आसपास तक बाॅस्केट बाॅल ग्राउंड में छात्र खेलने आते थे। काॅलेज के पीटी छात्रों को इसका प्रशिक्षण देते थे। धिरे-धिरे बाॅस्केट बाॅल के तरफ से पीटी और छात्रों का ध्यान हट गया। काॅलेज की स्पो्ट्र्स कमेटी कराती थी खेलों का आयोजन काॅलेज में वर्षो पहले स्पो्टर्स कमेटी होती थी। जिसका सचिव छात्र होते थे। काॅलेज के ही सेंट्रल काॅमन

188 साल की हिंदी पत्रकारिता का सच

188 साल की हिंदी पत्रकारिता का सच प्रमोद जोशी प्रस्तुति-अखौरी प्रमोद प्रमोद जोशी वरिष्ठ पत्रकार हिंदी से जुड़े मसले, पत्रकारिता से जुड़े सवाल और हिंदी पत्रकारिता की चुनौतियां किसी एक मोड़ पर जाकर मिलती हैं। कई प्रकार के अंतर्विरोधों ने हमें घेरा है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह कारोबार जिस लिहाज से बढ़ा है उस कदर पत्रकारिता की गुणवत्ता नहीं सुधरी। मीडिया संस्थान कारोबारी हितों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं, पर पाठकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा नहीं पाते हैं। इस बिजनेस में परम्परागत मीडिया हाउसों के मुकाबले चिटफंड कंपनियां, बिल्डर, शिक्षा के तिज़ारती और योग-आश्रमों तथा मठों से जुड़े लोग शामिल होने को उतावले हैं, जिनका उद्देश्य जल्दी पैसा कमाने के अलावा राजनीति और प्रशासन के बीच रसूख कायम करना है। हिंदी का मीडिया स्थानीय स्तर पर छुटभैया राजनीति के साथ तालमेल करता हुआ विकसित हुआ है। हाल के वर्षों में अखबारों पर राजनीतिक झुकाव, जातीय-साम्प्रदायिक संकीर्णता और मसाला-मस्ती बेचने का आरोप है। उन्होंने गम्भीर विमर्श को त्याग कर सनसनी फैलाना शुरू कर दिया है। उनके

एआईएसएफ से वार्ता का राज्यपाल ने पीयू कुलपति को दिया आदेश

एआईएसएफ से वार्ता का राज्यपाल ने पीयू कुलपति को दिया आदेश राज्यपाल से मिला एआईएसएफ का प्रतिनिधिमंडल सभी विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव के  संकेत नालंदा इंजिनियरिंग काॅलेज को मिलेगा नया भवन टीईटी-एसटीईटी के उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति का दिलाया भरोसा उत्तरपुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के प्रावधान, पीयू को सेन्ट्रल यूनियर्सिटी, पाटलिपुत्रा विवि का आश्वासन विद्या सागर पटना (एसएनबी)। एआईएसएफ के प्रतिनिधियों से राज्यपाल ने पटना विश्वविद्यालय के कुलपति को वार्ता करने का आदेश दिया है। बुधवार शाम एआईएसएफ का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राजभवन में राज्यपाल सह कुलाधिपति डी वाई पाटील से मिलकर 20 सूत्री मांगों का स्मार-पत्र सौंपा । प्रतिनिधिमंडल में संगठन के राज्य अध्यक्ष परवेज आलम, राज्य सचिव सुशील कुमार, राज्य परिषद सदस्य मोनिका कुमारी, दीपक कुमार, वरूण कुमार ने कहा कि पटना विवि कुलपति वाईसी सिम्हाद्री छात्रों से बात तक करना पसंद नहीं करते। विगत दिनों कुलपति के अलोकतांत्रिक एवं तानाशाही रवैए से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। वर्टिकल ग्रोथ, छात्र-शिक्षक-कर्मियों के आंदोलन पर रोक, विगत दि

पटना काॅलेज पत्रकारिता विभाग में धुमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस समारोह

पटना काॅलेज पत्रकारिता विभाग में धुमधाम से मनाया गया शिक्षक दिवस समारोह पटना। शिक्षक दिवस के अवसर पर पटना काॅलेज के बीएमसी(पत्रकारिता विभाग) में भी धुमधाम के साथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। परीक्षा भवन में आयोजित कार्यक्रम का उद्धाटन दीप प्रज्जवलित कर काॅलेज के प्राचार्य प्रो. नवल किशोर चैधरी ने की। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए प्राचार्य ने शिक्षक व छात्रों को इस अवसर पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि शिक्षक व छात्रों के बीच बेहतर समन्वय आज जरूरी है। छात्रों ने प्रचार्य से विभाग में लैब की मांग की जिस पर उन्होंने कहा कि युजीसी से 2013 में ही लैब के लिए पैसा आया था। पर दुख की बात है कि वह समय पर पूरा नहीं होने के कारण यूजीसी को पैसा लौटाना पड़ा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता विभाग में लैब के लिए वे युजीसी को पुनः फंड देने के लिए पत्र लिखे हैं और इसके लिए वे युद्ध स्तर पर प्रयास करेगें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. शरवेन्दु कुमार ने सभी शिक्षकों को पत्रकारिता विभाग के बेहतर संचालन के लिए धन्यवाद देते हुए उनसे बेहतर सहयोग की अपिल की। इस अवसर पर बीएमसी-

एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात

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 कुलपति रवैया सुधारें और छात्रों से करें बात : सीएम एआईएसएफ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से की मुलाकात पटना । मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पटना विविद्यालय की गतिविधियों पर सरकार की नजर है। उन्होंने कुलपति प्रो. वाईसी सिमाद्री को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि वे अपना रवैया सुधारें और छात्रों से बात करने की पहल करें। मुख्यमंत्री ने ये बातें बुधवार को एआईएसएफ के छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ हुई वार्ता में कहीं। प्रतिनिधिमंडल में शामिल संगठन के राज्य सचिव सुशील कुमार ने वार्ता की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने छात्रों की समस्याओं पर गंभीरता दिखाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीयू के कुलपति को अपने रवैये में सुधार लाना चाहिए और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए छात्रों से बात करनी चाहिए। जब राज्यपाल और मुख्यमंत्री छात्रों से बात कर सकते हैं तो कुलपति क्यों नहीं कर सकते हैं ? छात्रों ने प्राथमिकी दर्ज करने का मामला भी उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों पर किए जाने वाले एफआईआर (धारा-353) को जमानतीय बनाया जायेगा। इसमें संशोधन के लिए बहुत जल्द इसे कैबिनेट में लाया जायेग