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धूम्रपान करने वालों की संख्या 36 फीसदी बढ़ी

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पुरुष धूम्रपान करने वालेां की संख्या में बढ़ोतरी: अध्ययन   विद्या सागर  पटना । भारत में पिछले 17 सालों ( वर्ष 1998 से 2015 ) में धूम्रपान करने वालों की संख्या में 36 प्रतिशत की बढ़ेातरी हुई है। जो कि बेहद चिंताजनक है। इसका खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के शोध में हुआ है। यह शोध बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। दुनिंयाभर में धूम्रपान करने वालों की संख्या के मामले में सिर्फ चीन ही भारत से आगे है। हीलिस सेखसरिया इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक हैल्थ के डायरेक्टर व शोधकर्ता डा . प्रकाश सी . गुप्ता बतातें है कि इस अध्ययन में सामने आया है कि 1998 से लेकर 2015 तक धूम्रपान करने वाले पुरुषों की संख्या में एक तिहाई ( तकरीबन 36 फीसदी ) बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान में करीब 10.8 करोड़ पुरुष धूम्रपान करते हैं। वंही देशभर में वर्तमान समय में बीड़ी से ज्यादा सिगरेट का उपयेाग करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इसमें उन्होंने पाया कि 15 से 69 वर्ष की उम्

व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाला देशद्रोही नहीं हो सकता,कन्हैया मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से हो : पप्पू यादव

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित: श्रीभगवान पटना। जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। आज पटना में पत्रकारों वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अक्षम साबित हो रहे हैं और प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार माफिया और अपराधियों के संरक्षण और समर्थन से चल रही है। अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के आरोपी विधायक राजवल्लभ यादव की गिरफ्तारी 3 मार्च तक नहीं हुई तो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह करेगा।     सांसद श्री यादव ने कन्हैया के मामले में कहा कि व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाले देशद्रोही नहीं हो सकते हैं। हम इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कन्हैया की गिरफ्तारी और रोहित वेमूला की आत्महत्या के मामले की जांच संसद की स

राष्ट्रवाद की अवधारणा पर पटना काॅलेज मे हुआ संवाद

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 पटना। पटना काॅलेज में छात्र संगठनों ने संयुक्त पहल कदमी पर आज दूसरे दिन भी राष्ट्रवाद की अवधारणा पर संवाद हुआ।  काॅलेज के भाषा भवन की सीढ़ीयों पर बैठे छात्रों से आज पीयू के ईतिहास विभाग में वरीय प्राध्यापक रहे प्रो0 ओ0 पी0 जायसवाल रूबरू  हूए।  वही प्रेरण के सचिव हसन ईमाम ने काव्य पाठ प्रस्तुत किया। प्रो0 ओ0 पी0 जायसवाल ने कहा कि 1857 के पहले देश छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था। 1857 में पहली बार एक स्वतंत्र राज्य की भावना के तहत देश में हर हिस्से में लोग संगठित हुए। उन्होेने कहा कि राष्ट्रवादी होने का दम्भ करते है सही मायने में वे राष्ट्रवादी नही रहे। वही नही आजादी-आंदोलन में दौरान आरएसएस के नेता बी डी सावरकर ने अग्रंेजो को चिट्टी लिख मुखाबिरी करने का भरोसा दिलाते हुए माफी मांगी थी। BEST TOP 10 MOBILE     उन्होने कहा कि इनका राष्ट्रवाद हिटलर और मुसोलिनी से प्रेरित था और इसको नजदीक से समझने के लिए आरएसएस विचारक इटली और जर्मनी गए भी लेकिन भातीय जनता ने जर्मनी और-इटली के बुरे अंत को देखते हुए नाकार दिया। मौके पर पटना काॅलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष शरदेंदु कुमार मौजुद थें।     

जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास

जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास छात्र संगठनों ने पटना काॅलेज में आयोजित ‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ पर संवाद पटना वि॰वि॰ के शिक्षक प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने परिसंवाद में दिया वक्तव्य पटना 26 फरवरी:   आज पटना वि॰वि॰ में वामपंथी/जनवादी छात्र संगठनों आइसा, ए॰आई॰एस॰एफ॰, छात्र राजद, जन अधिकार छात्र परिषद्, छात्र राकांपा ने पटना काॅलेज परिसर में जे॰एन॰यू॰ की तर्ज पर पटना काॅलेज भाषा भवन के पास एक परिसंवाद का आयोजन किया। परिसंवाद का विषय था-‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ इस विषय पर पहले प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने अपना वक्तव्य दिया, उसके पश्चात् परिसंवाद में शामिल छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे।     वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रवाद एक निर्मित है, जो बहुत पुरानी नहीं है। भारत के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रवाद एक मुक्ति संघर्ष नीति स्वाधीनता संघर्ष के क्रम में निर्मित हुआ। राष्ट्रवाद के कई आयाम हैं, और यह सभी आयामों की समाहित करते हुए ही समृद्ध होता है। पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के कारण इसे बहुत संकुचित रूप में प्रस्तुत कर रहे है

जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई

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जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई  पटना।  केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान में केन्द्र सरकार की औद्योगिक नीति मजूदर विषय पर एक सेमिनार आयोजित की। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो॰ प्रवीण झा (जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय) ने काफी सहजता से भारत सरकार के औद्योगिक नीति, श्रमनीति वेज पालिसी इत्यादि पर गंभीर चर्चा की। प्रष्नोतरी का जवाब देते हुए जे.एन.यू. के मसले पर बेबाकी से अपनी बातों को रखा। जे.एन.यू. के प्रो॰ प्रवीण झा ने जे.एन.यू. मामले में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि जे.एन.यू. को घेड़ने के लिए मोदी सरकार पिछले डेढ़ सालों से लगी हुई थी। जे.एन.यू. के प्रत्येक मामले में इंटेनीजेंस लगातार कुलपति पर दवाब बनाये हुई थी। खुफिया विभाग और दिल्ली पुलिस  वैसे मामले को तलाष रही थी जिससे जे.एन.यू. के प्रगतिषील और लोकतांत्रिक माहौल को बदनाम किया जाय। कुछ स्वतंत्र छात्रों द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया (एक देष बिना डाकघर का) जिस पे ए.बी.वी.पी के बबाल करने पर 15 मिनट पहले विष्वविद्यालय प्रषासन कार्यक्रम करने से मना कर देती है। उसके बाद छात्रों का आक्रोष बढ़ता गया और

कन्हैया की बिना शर्त रिहाई को ले एआईवाईएफ का राज्यव्यापी चक्का जाम

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कन्हैया की बिना शर्त रिहाई को ले एआईवाईएफ का राज्यव्यापी चक्का जाम अशोक राजपथ को किया घंटो जाम, प्रदेश अध्यक्ष समेत 7 गिरफ्तार, रिहा फासीवादी ताकतों से जारी रहेगी लड़ाईः एआईवाईएफ पटना। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की बिना शर्त रिहाई को लेकर रविवार को अखिल भारतीय नौजवान संघ(एआईवाईएफ) के राज्यव्यापी आवह्ान पर पटना सहित विभिन्न जिलों में नौजवानों ने सड़क पर उतर कर  चक्का जाम व प्रदर्शन किया। आज यहां पटना काॅलेज के समीप अशोक राजपथ पर नौजवानों ने सड़क पर उतर कर नरेन्द्र मोदी के फांसीवादी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और लगभग एक घंटे तक यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों एवं पुलिस प्रशासन के बीच तीखी झड़प हुई। बाद मेें पीरबहोर के थानाध्यक्ष निशार अहमद ने आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे एआईवाईएफ के प्रदेष अध्यक्ष प्रभात कुमार पाण्डेय, राज्य सचिव रौशन कुमार, छात्र समागम के नेता नीतिश पटेल युवा नेता मनोहर कुमार, राकेश कुमार, छात्रा नेता प्रशान्त पटेल, हिमांशु शेखर सहित सात युवा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।  इस अवसर पर आन्दोलनकारिया

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की रिहाई को ले मनाव श्रृंखला

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जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की रिहाई को ले मनाव श्रृंखला छात्र के साथ शिक्षक, कर्मचारी एवं शहर के बुद्धिजीवियों ने घंटों बनायी मानव शंृखला जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष सहित छात्र नेताओं पर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की वापसी एवं रिहाई को लेकर लगाए नारे पटना। जवाहरलाल नेहरू विश्व विधालय छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित वामपंथी छात्र नेताओं पर से राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की वापसी, जेएनयू अध्यक्ष एवं प्रो. गिलानी की रिहाई, रोहित वेमुला को न्याय और जेएनयू-लोकतंत्र व देश बचाओं नारे में साथ आज छात्रों ने अशोक राजपथ पर मानव शृंखला बनाई। पीयू गेट से दरभंगा हाउस तक मानव शंृखला में छात्र, शिक्षक, कर्मचारी, संस्कृतिकर्मी, वकील एवं शहर के बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। गौरतलब है कि एआईएसएफ के नेता व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, आईसा नेता व जेएनयू छात्रसंघ महासचिव रामानागा, पूर्व अध्यक्ष आशुतोष कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष अनंत प्रकाश, श्वेता राज, डीएसएफ की नेता ऐश्वर्या, के अतिरिक्त अनिबर्न भट्टाचार्य एवं उमर खालिद के ऊपर देशद्रोह के मुकदमे एवं विश्वविद्यालय से निलंबित किए जाने के बाद रोष बढ़ता जा रह