जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई

जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई 


पटना। केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान में केन्द्र सरकार की औद्योगिक नीति मजूदर विषय पर एक सेमिनार आयोजित की। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो॰ प्रवीण झा (जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय) ने काफी सहजता से भारत सरकार के औद्योगिक नीति, श्रमनीति वेज पालिसी इत्यादि पर गंभीर चर्चा की। प्रष्नोतरी का जवाब देते हुए जे.एन.यू. के मसले पर बेबाकी से अपनी बातों को रखा। जे.एन.यू. के प्रो॰ प्रवीण झा ने जे.एन.यू. मामले में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि जे.एन.यू. को घेड़ने के लिए मोदी सरकार पिछले डेढ़ सालों से लगी हुई थी। जे.एन.यू. के प्रत्येक मामले में इंटेनीजेंस लगातार कुलपति पर दवाब बनाये हुई थी। खुफिया विभाग और दिल्ली पुलिस  वैसे मामले को तलाष रही थी जिससे जे.एन.यू. के प्रगतिषील और लोकतांत्रिक माहौल को बदनाम किया जाय। कुछ स्वतंत्र छात्रों द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया (एक देष बिना डाकघर का) जिस पे ए.बी.वी.पी के बबाल करने पर 15 मिनट पहले विष्वविद्यालय प्रषासन कार्यक्रम करने से मना कर देती है। उसके बाद छात्रों का आक्रोष बढ़ता गया और ए.बी.भी.पी. से झड़प हो गया। विवाद बढ़ते देख अध्यक्ष होने के नाते कन्हैया को बीच बचाव में आना पड़ा । जिस पर बाद में टी॰वी॰ न्यूज चैनलों द्वारा छोड़छाड़ कर विडियों दिखाया गया। इसी आधार पर दिल्ली पुलिस कन्हैया पर देषद्रोह का मुकदमा दायर कर दी। उन्होंने राष्ट्रवाद पर अपनी बात को रखते हुए कहा कि तिरंगा को जलाने वाले, ब्रिटिष हुकुमत का साथ देने वाले हमें देषभक्ति और राष्ट्रवाद न सीखाये। 
इस सेमिनार का विषय प्रवेष की प्रो॰ नवीन चन्द्रा ने किया और सेमिनार की अध्यक्षता का॰ बद्री नारायण लाल ने किया इस सेमिनार में बगेन्द्र ठाकुर, मो॰ जब्बार आलम, अर्जुन प्रसाद सिंह, अखिलेष कुमार, प्रो॰ ए॰के॰ गांगुली, प्रो॰ एस॰पी॰ वर्मा, प्रो॰ नवलकिषोर चैधरी, प्रो॰ विजय कांत, अमरकांत सुमत, रंजन, अक्षय आदि उपस्थित थे। मंच संचालन अजय कुमार ने किया । धन्यवाद ज्ञापन नवीन चंद्रा ने किया। 
केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान के तत्वाधान में पटना शहर के बुद्धिजीवियों ने जवाहरलाल नेहरू विष्वविद्यालय, नई दिल्ली के छात्रों के दमन एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमले के खिलाफ एक जुलूस निकाला जो संस्थान कार्यालय से चलकर आयकर गोलम्बर पर एक सभा में परिवत्र्तित हो गया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने केन्द्र सरकार द्वारा जे.एन.यू.  को बदनाम करने, जे.एन.यू. छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष कन्हैया कुमार एवं अन्य छात्रों की गिरफ्तारी, पटियाला हाउस में मीडियाकर्मियों, विष्वविद्यालय षिक्षकों एवं छात्रों पर फासीवादी ताकतों द्वारा किए गए बर्बर हमले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ परिवार द्वारा राष्ट्रवाद की ठेकादारी करने एवं जनतंत्र तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर किए जा रहे हमले की तीव्र भत्र्सना की । 
सभा को वामपंथी विचारक अखिलेष कुमार, साइंस फाॅर सोसाइटी के प्रो॰ एस.पी. वर्मा, वामपंथी कार्यकत्र्ता नंदकिषोर सिन्हा, ए.आई.सी.टी.यू. के महासचिव आर.एन. ठाकुर, केदार दास संस्थान के सचिव अजय कुमार आदि ने संबोधित किया। 



टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान 11 अगस्त को शहीद हुए थे जगतपति कुमार समेत आजादी के सात मतवाले,

... और बिहार में समाज सुधारने निकले नीतीश

आज के दिन शहीद हुए थे आजादी के सात मतवाले