... और बिहार में समाज सुधारने निकले नीतीश

अपने समाज में कई तरह की सामाजिक बुराईयां व्याप्त है। नशा व दहेज आज समाज का कोढ़ बनगया है। आप अपने आसपास हीं नजर दौड़ाएंगे तो इसके कई उदाहरण आपको देखने को मिलजाएंगे। नशे के लत से जहां लोगों के घर बर्बाद हो रहे हैं, वहींदहेज की आग में कई परिवार टूट रहे हैं। इन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ कानून तोबना है लेकिन समाज में जागरुकता की कमी से यह आज भी समाज को खोखला कर रहा है। समाजमें आज इन बुराइयों के खिलाफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार यात्रापर निकले हैं। यूं तो इस यात्रा की विपक्षी दल आलोचना कर रहे हैं लेकिन नीतीशकुमार के इस यात्रा का मकसद समाज सुधार की दिशा में एक उत्साही पहल है। 


आज समाज में इन मुद्दों पर बोलने वाला और काम करने वाला कोई नहींहै। एक समय था जब अपने समाज में समाज सुधारक के साथ नेता भी उनता ही सक्रिये थे जोसामाजिक बुराईयों पर खुलकर बोलते थे, उसके खिलाफसमाज में जागरुकता लाने के लिए कार्य करते थे। धीरे-धीरे समाजमें ऐसे लोगों की कमी होती गई और आज इक्का दूक्का लोग ही ऐसे हैं जो इन विषयों पर कामकर रहे हैं। ऐसे समय में जब आज बिहार नीति आयोग द्वारा जारीकई मानकों में पीछे दिख रहा है वैसे समय में समाज में कोढ़ का रूप ले रहे नशा के खिलाफराज्य सरकार का नशा मुक्ति अभियान समाज को एक दिशा देने और युवाओं को नशा मुक्त बनानेमें मिल का पत्थर साबित होगा। 

दहेज प्रथा के खिलाफ भी आज समाज में जागरुकता आयी है। घर में जहां बेटियों की पढ़ाई को महत्व दिया जा रहा है वहीं दहेजप्रताड़ना के मामलों मे कमी आई है। आज बिहार के ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूलों मेंबच्चियों की संख्या में लगातार वृद्धि आने से जहां बाल विवाह में कमी आयी है वहीं दहेजको लेकर भी उनके परिजन जागरूक हुए हैं। आज देखा जाये तो पंचायत चुनाव में आरक्षण, सरकारीनौकरियों में आरक्षण का असर दिख रहा है कि बड़ी संख्या में बेटियां पुलिस में भर्तीहो रही हैं। पंचायत चुनाव में महिलाएं जीत कर सामने आ रहीं हैं। पंचायतों की कमान बेटियांअपने हाथ में ले रहीं हैं।

समाज में युवाओं को शराब, गांजा, अफीम समेत कई सुखा नशा नेतेजी से पिछले दिनों आगोश में लिया है। शहरी व ग्रामीण युवाओं में इसका प्रचलन तेजीसे बढ़ा है। शहरी युवा शराब के साथ सुखा नशा के आदि हो रहे हैं। ऐसे बिहार में शराबबंदी और फिर नशाबंदी अभियान ने युवाओं को नशे से मुक्ति दिलाने की दिशा में एक सार्थक कदम साबित हुआ है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाज सुधार अभियान में शराब बंदी, देहज प्रथा उन्मुलन व बाल विवाह के खिलाफ जागरुकता ये तीनों अभियान एक साथ है। मुख्यमंत्रीकी विभिन्न जिलों में यात्रा और जिविका दीदी से संवाद में इन अभियानों को गांव तक लेजाने और एक-एक घर तक संदेश पहुंचाने में सफलता हासिल करेगी। आज समाज में जरूरत है कि इन कुप्रथाओं पर खुलकर बहस हो और आमलोगों के बीच यह माहौल बने की अपना समाज नशा मुक्तबने, दहेज मुक्त बने और कहीं भी बाल विवाह न हो।

(लेखक- विद्या सागर, दैनिक भास्कर पटना में उप संपादक हैं।)

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