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शिक्षा की बदहाली को सरकारें जिम्मेवारः कन्हैया

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पटना में एआईएसएफ के संवाददाता सम्मेलन में बोले जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कला महाविद्यालय के प्राचार्य को बर्खास्त करें सरकार   पटना। जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि शिक्षा की बदहाली के लिए केन्द्र व राज्य सरकारें दोषी हैं। सुधार के लिए सामाजिक आंदोलन होना चाहिए। बीपीएससी परीक्षा की तिथि आगे बढ़नी चाहिए। कन्हैया रविवार को पटना में एआईएसएफ द्वारा जनशक्ति भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सरकार गंभीर नहीं कन्हैया ने कहा कि आर्ट्स कॉलेज के मामले में राज्य सरकार को मौन नहीं रहना चाहिए। छात्रों की समस्या सुलझाने को सरकार गंभीर नहीं है। शिक्षा का माहौल बदलने के लिए संवादहीनता की स्थिति दूर कर कड़े कदम उठाने चाहिए। टॉपर घोटाला को बताया शर्मनाक राज्य सरकार के खिलाफ बोलने से बचते हुए कहा कि टॉपर घोटाला शर्मनाक है। सरकार ने इस मामले को ठीक से नहीं देखा है। आर्ट्स कॉलेज के प्राचार्य को बर्खास्त कर दोबारा परीक्षा होनी चाहिए व छात्रों से मुकदमा वापस होना चाहिए। आंदोलन के दौरान हिंसा, गोलीबारी की न्यायिक जांच हो। कम हो रहा शिक्षा का

पीयू में अराजकता का जिम्मेवार कौन?

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आंदोलनरत समूह से बात नहीं करते हैं कुलपति विद्या सागर पटना यूनिवर्सिटी में सोमवार जो हुआ इसका जिम्मेवार कौन है? कुलपति, विविद्यालय प्रशासन, या छात्र। पीयू में हंगामा नया नहीं है। लेकिन प्रशासन व आंदोलनकारियों के बीच संवादहीनता का नया दौरा पीयू में चल पड़ा है। आंदोलन शांतिपूर्ण हो या अराजक। कुलपति किसी भी सूरत में बातचीत पसंद नहीं करते। शिक्षकों का आदोलन हो या कर्मचारियों का या फिर छात्रों का ही क्यों न हो। पुलिस व जिला प्रशासन के अधिकारी आंदोलनकारी को विवि प्रशासन से वार्ता के लिए तैयार भी करते हैं लेकिन कुलपति वात नहीं करते। सोमवार को हुई घटना पिछले महीने आर्ट कॉलेज से शुरू हुआ और आज गोली चलने तक पहुंच गया।  आज जो कुछ भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था। पटना आर्ट कॉलेज के गलियारे से निकलते हुए यह कुलपति आवास के कैम्पस ही नहीं बेड रूम तक जा पहुंचा। यह भी अब न्याय मांगने का नया तरीका बन गया है और उसके जबाब में जो हुआ वह भी सुलझाने का नया है। खैर सुरक्षा गार्ड की गोली का कोई निशाना नहीं बना। इस घटना में अगर किसी छात्र की जान चली जाती तो क्या होता। पीयू भी हैदरा

भूख हड़ताल पर बैठे जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया की हालत बिगड़ी

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कन्हैया ने कहाः जारी रहेगी भूख हड़ताल नयी दिल्ली। भूख हड़ताल पर बैठे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की आज हालत बिगड़ गई और उन्हें परिसर के  ही स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए ले जाया गया।  श्री कन्हैया का रक्तचाप गिरकर 56 रह गया और रक्त में ग्लूकोज का स्तर भी तेजी से घट गया। इसकी वजह से कन्हैया को लगातार उलटी होने लगी और उनकी बिगड़ती हालत को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में ही स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाया गया। केन्द्र में कन्हैया का प्रारंभिक उपचार किया गया। डाॅक्टरों का कहना है कि यदि कन्हैया ने भूख हड़ताल जारी रखी तो उनका स्वास्थ्य और खराब हो सकता है और आंतरिक रक्तस्राव की आशंका बनी हुई है।  कन्हैया ने भूख हड़ताल खत्म करने से इंकार कर दिया है जिसे देखते हुए डाॅक्टर उल्टी रोकने के इंजक्शन दे रहे हैं। गौरतलब है कि हड़ताली छात्रों के गिरते स्वास्थ्य को देखते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति ने कल उनसे भूख हडताल खत्म करने की अपील की थी। विश्वविद्यालय में इस वर्ष नौ फरवरी को हुये एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारों की जांच के ल

अंकों के जोड़ में गड़बड़ाया बिहार बोर्ड !

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आरटीआई से कॉपी की छायाप्रति मांगने पर सामने आई लापरवाही वीक्षक ने गणित में दिये 41 की जगह 33 अंक रिटोटलिंग के लिए आवेदन देने के बाद भी सही से नहीं जोड़ा अंक,  पूर्व में दिये गये नंबर को ही रिटोटलिंग के बाद भी कर दिया जारी वर्ष 2015 की मैट्रिक परीक्षा के गणित की कॉपी में नालंदा के हर्षदीप को बोर्ड ने दिये कुल 33 अंक तीन प्रश्नों के सही उत्तर के बाद भी नहीं जोड़ा गया अंक बोर्ड के सचिव से छात्र ने लगायी गुहार मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा का रहने वाला है छात्र  फिर से रिटोटलिंग के लिए खा रहा दर-दर की ठोकरें   विद्या सागर पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कॉपियों पर दिये गये नंबर को भी जोड़ने नहीं आता है! कॉपियों के मूल्याकंन भी लगता है कि बोर्ड के वीक्षक आंख मूंद कर अपना काम करते हैं। बिहार बोर्ड की यह लापरवाही आरटीआई के तहत मांगी गयी सूचना में सामने आयी है। नालंदा जिले के हिलसा के रहने वाले ब्रज किशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हर्षदीप ने वर्ष 2015 में मैट्रिक बोर्ड की परीक्षा दी। रिजल्ट प्रकाशित होने के बाद हर्षदीप ने गणित विषय में 33 अंक देखने के

मोदी जी वादे पूरे नहीं कर पाए : कन्हैया

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आरएसएस हिन्दुओ का भी भला नही चाहता मेरे पास बैंक में है 200 रूपये, आईफोन तो दूर सिम्पल फोन तक नही रखते समान स्कूल प्रणाली व सबको रोजगार के लिए देश में छेड़ेंगे आंदोलन रोहित एक्ट के लिए जारी रहेगी लड़ाई मोदी जी चुनिंदा उद्योगपतियों को पहुँचा रहे है लाभ    विद्या सागर  पटना | जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ अध्यक्ष व एआईएसएफ नेता कन्हैया कुमार रविवार को पीएम मोदी व आरएसएस पर जमकर बरसे। कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना कोई भी वादा पूरा नहीं कर पाए हैं। श्री कुमार ने पटना में एआईएसएफ व एआईवाईएफ द्वारा श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित आजादी कार्यक्रम में कहा कि "महंगाई से कोई राहत नहीं मिली है, न तो लोगों को रोजगार मिला है।" इस कार्यक्रम में कन्हैया को काले झंडे दिखाए गए कन्हैया ने कहा कि बोलने की आजादी उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि मोदी ने दूसरे देशों में जमा काले धन को वापस लाने का वादा किया था और कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपये जमा कराए जाएंगे। कन्हैया ने अपने 80 मिनट के भाषण में कहा, "मैं हर रोज

आईपीएस अफसर अर्पणा ने किया सूबे का नाम रोशन

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     अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पति हैं इलाहाबाद के डीएम अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विनसन मैसिफ पर फहराया तिरंगा विद्या सागर/ गणोश प्रसाद पटना/औरंगाबाद। औरंगाबाद जिला निवासी यूपी कैडर की आईपीएस अधिकारी अर्पणा भारद्वाज ने अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी माउंट विनसन मैसिफ पर तिरंगा फहराकर देश और सूबे का नाम रौशन किया। अर्पणा वर्तमान में यूपी में डीआईजी (टेलीकॉम) के पद पर कार्यरत हैं। 17 जनवरी 2016 को माउंट विनसन मैसिफ पर फतह कर तिरंगा लहराकर उन्होंने आधी आबादी के लिए भी मिसाल पेश की। ऐसा कर उन्होंने देश की पहली महिला अधिकारी होने का गौरव हासिल किया। बताते चलें कि अर्पणा की पर्वतारोहण में गहरी रुचि है। पिछले वर्ष 28 जुलाई को उन्होंने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रस को फतह किया था। -15 डिग्री तापमान पर विषम परिस्थितियों में दुर्गम रास्ते पर चलते हुए उन्होंने तिरंगा लहराया। माउंट एवरेस्ट मिशन के दौरान मौसम की खराबी के कारण उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। इसके बावजूद ऊंचाई नापने की उनकी ललक कम नहीं हुई और वे आगे बढ़ती रहीं।

क्यों निषाने पर है जेएनयू? पढ़े जेएनयू षिक्षक संघ के अध्यक्ष के बेबाक बोल

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छात्रों के वामपंथी रूझान के कारण सरकार के निषाने पर है जेएनयूः प्रो अजय पटनायक पटना। जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय (जेएनयू) षिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रो. अजय पटनायक ने आज कहा कि छात्रों के वामपंथी रूझान के कारण जेएनयू केन्द्र सरकार के निषाने पर है। प्रो. पटनायक आज राजधानी के जनषक्ति भवन में एआईएसएफ द्वारा क्यों निषाने पर है जेएनयू विषय पर आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। प्रो. पटनायक ने कहा कि समाज में अवसर की समानता नहीं होने के कारण जिन लोगों को मुख्यधारा में आने का अवसर नहीं मिल पाता है। जेएनयू के द्वार समाज के दबे-कुचले लोगों को प्राथमिकता देने के कारण जेएनयू में पहुंचने पर वे सत्ता के द्वारा थोपे जाने की कोषिष को बर्दास्त नहीं करते हैं। वर्तमान केन्द्र सरकार जिसे देषद्रोही की संज्ञा दे रही है। सही मायने में वह सत्ता के खिलाफ अवाज है। ऐसा नहीं कि वह वर्तमान सरकार के खिलाफ उठ रही अवाज है। पूर्ववर्ती सरकारों के खिलाफ भी उठती रही है। उन्होंने कहा कि रोहित बेमुला की संस्थागत हत्या, आॅक्यूपाई यूजीजी आंदोलन, एफजीआईआई पूणे एवं अंबेडकर-पेरियार स्टडी सर्किल पर

पूरे बिहार में जेएनयू व कन्हैया पर बनी ड्राक्यूमेंट्री का होगा प्रदर्शन

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रथ रवानगी के पूर्व करगिल चौक पर लगे फर्जी राष्ट्रवाद से आजादी के नारे एआईएसएफ समेत कई छात्र संगठनों ने निकाला है यह रथ रवानगी के मौके पर पहुंचे विधानसभा के उपनेता श्याम रजक व एमएलसी नीरज छात्रों की रिहाई के लिए कारवां-ए-फिक्र रथ रवाना पटना (एसएनबी)। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित सभी छात्र नेताओं से राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की वापसी, जेएनयूएसयू अध्यक्ष सहित सभी निदरेष छात्रों की रिहाई, रोहित वेमुला को न्याय को लेकर मंगलवार को राजधानी के शहीद भगत सिंह चौक से छात्रों का जत्था रवाना हुआ। विविद्यालय बचाओ, लोकतंत्र बचाओ और देश बचाओ अभियान में शामिल छात्रों के जत्थे में शामिल छात्र राज्य के विभिन्न हिस्सों में जायेंगे।एआईएसएफ, आइसा, छात्र राजद, छात्र समागम, एसएफआई, एनएसयूआई, छात्र राकांपा, जन अधिकार छात्र परिषद, समजावादी छात्र सभा और दिशा के छात्र आरएसएस व बीजेपी के षड्यंत्र के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला लिया है। कारवां-ए-फिक्र नाम से निकाली गयी वीडियो वैन पर जेएनयू पर बनी एक डाक्यूमेन्ट्री दिखाई जाएगी। आज रथ रवानगी के मौके पर छात्रों ने फर्जी

धूम्रपान करने वालों की संख्या 36 फीसदी बढ़ी

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पुरुष धूम्रपान करने वालेां की संख्या में बढ़ोतरी: अध्ययन   विद्या सागर  पटना । भारत में पिछले 17 सालों ( वर्ष 1998 से 2015 ) में धूम्रपान करने वालों की संख्या में 36 प्रतिशत की बढ़ेातरी हुई है। जो कि बेहद चिंताजनक है। इसका खुलासा यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के शोध में हुआ है। यह शोध बीएमजे ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। दुनिंयाभर में धूम्रपान करने वालों की संख्या के मामले में सिर्फ चीन ही भारत से आगे है। हीलिस सेखसरिया इंस्टीटयूट ऑफ पब्लिक हैल्थ के डायरेक्टर व शोधकर्ता डा . प्रकाश सी . गुप्ता बतातें है कि इस अध्ययन में सामने आया है कि 1998 से लेकर 2015 तक धूम्रपान करने वाले पुरुषों की संख्या में एक तिहाई ( तकरीबन 36 फीसदी ) बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान में करीब 10.8 करोड़ पुरुष धूम्रपान करते हैं। वंही देशभर में वर्तमान समय में बीड़ी से ज्यादा सिगरेट का उपयेाग करने वालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। इसमें उन्होंने पाया कि 15 से 69 वर्ष की उम्

व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाला देशद्रोही नहीं हो सकता,कन्हैया मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से हो : पप्पू यादव

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित: श्रीभगवान पटना। जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग की है। आज पटना में पत्रकारों वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में अक्षम साबित हो रहे हैं और प्रशासन पर उनका कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार माफिया और अपराधियों के संरक्षण और समर्थन से चल रही है। अपराधियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। उन्होंने कहा कि बलात्कार के आरोपी विधायक राजवल्लभ यादव की गिरफ्तारी 3 मार्च तक नहीं हुई तो पार्टी का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप का आग्रह करेगा।     सांसद श्री यादव ने कन्हैया के मामले में कहा कि व्यवस्था के खिलाफ लड़ने वाले देशद्रोही नहीं हो सकते हैं। हम इस मामले को लोकसभा में उठाएंगे। उन्होंने कहा कि कन्हैया की गिरफ्तारी और रोहित वेमूला की आत्महत्या के मामले की जांच संसद की स

राष्ट्रवाद की अवधारणा पर पटना काॅलेज मे हुआ संवाद

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 पटना। पटना काॅलेज में छात्र संगठनों ने संयुक्त पहल कदमी पर आज दूसरे दिन भी राष्ट्रवाद की अवधारणा पर संवाद हुआ।  काॅलेज के भाषा भवन की सीढ़ीयों पर बैठे छात्रों से आज पीयू के ईतिहास विभाग में वरीय प्राध्यापक रहे प्रो0 ओ0 पी0 जायसवाल रूबरू  हूए।  वही प्रेरण के सचिव हसन ईमाम ने काव्य पाठ प्रस्तुत किया। प्रो0 ओ0 पी0 जायसवाल ने कहा कि 1857 के पहले देश छोटे-छोटे राज्यों में विभक्त था। 1857 में पहली बार एक स्वतंत्र राज्य की भावना के तहत देश में हर हिस्से में लोग संगठित हुए। उन्होेने कहा कि राष्ट्रवादी होने का दम्भ करते है सही मायने में वे राष्ट्रवादी नही रहे। वही नही आजादी-आंदोलन में दौरान आरएसएस के नेता बी डी सावरकर ने अग्रंेजो को चिट्टी लिख मुखाबिरी करने का भरोसा दिलाते हुए माफी मांगी थी। BEST TOP 10 MOBILE     उन्होने कहा कि इनका राष्ट्रवाद हिटलर और मुसोलिनी से प्रेरित था और इसको नजदीक से समझने के लिए आरएसएस विचारक इटली और जर्मनी गए भी लेकिन भातीय जनता ने जर्मनी और-इटली के बुरे अंत को देखते हुए नाकार दिया। मौके पर पटना काॅलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष शरदेंदु कुमार मौजुद थें।     

जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास

जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास छात्र संगठनों ने पटना काॅलेज में आयोजित ‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ पर संवाद पटना वि॰वि॰ के शिक्षक प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने परिसंवाद में दिया वक्तव्य पटना 26 फरवरी:   आज पटना वि॰वि॰ में वामपंथी/जनवादी छात्र संगठनों आइसा, ए॰आई॰एस॰एफ॰, छात्र राजद, जन अधिकार छात्र परिषद्, छात्र राकांपा ने पटना काॅलेज परिसर में जे॰एन॰यू॰ की तर्ज पर पटना काॅलेज भाषा भवन के पास एक परिसंवाद का आयोजन किया। परिसंवाद का विषय था-‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ इस विषय पर पहले प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने अपना वक्तव्य दिया, उसके पश्चात् परिसंवाद में शामिल छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे।     वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रवाद एक निर्मित है, जो बहुत पुरानी नहीं है। भारत के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रवाद एक मुक्ति संघर्ष नीति स्वाधीनता संघर्ष के क्रम में निर्मित हुआ। राष्ट्रवाद के कई आयाम हैं, और यह सभी आयामों की समाहित करते हुए ही समृद्ध होता है। पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के कारण इसे बहुत संकुचित रूप में प्रस्तुत कर रहे है

जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई

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जेएनयू के प्राध्यापक ने बतायी जेएनयू प्रकरण की सच्चाई  पटना।  केदार दास श्रम एवं समाज अध्ययन संस्थान में केन्द्र सरकार की औद्योगिक नीति मजूदर विषय पर एक सेमिनार आयोजित की। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो॰ प्रवीण झा (जवाहर लाल नेहरू विष्वविद्यालय) ने काफी सहजता से भारत सरकार के औद्योगिक नीति, श्रमनीति वेज पालिसी इत्यादि पर गंभीर चर्चा की। प्रष्नोतरी का जवाब देते हुए जे.एन.यू. के मसले पर बेबाकी से अपनी बातों को रखा। जे.एन.यू. के प्रो॰ प्रवीण झा ने जे.एन.यू. मामले में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि जे.एन.यू. को घेड़ने के लिए मोदी सरकार पिछले डेढ़ सालों से लगी हुई थी। जे.एन.यू. के प्रत्येक मामले में इंटेनीजेंस लगातार कुलपति पर दवाब बनाये हुई थी। खुफिया विभाग और दिल्ली पुलिस  वैसे मामले को तलाष रही थी जिससे जे.एन.यू. के प्रगतिषील और लोकतांत्रिक माहौल को बदनाम किया जाय। कुछ स्वतंत्र छात्रों द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया (एक देष बिना डाकघर का) जिस पे ए.बी.वी.पी के बबाल करने पर 15 मिनट पहले विष्वविद्यालय प्रषासन कार्यक्रम करने से मना कर देती है। उसके बाद छात्रों का आक्रोष बढ़ता गया और

कन्हैया की बिना शर्त रिहाई को ले एआईवाईएफ का राज्यव्यापी चक्का जाम

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कन्हैया की बिना शर्त रिहाई को ले एआईवाईएफ का राज्यव्यापी चक्का जाम अशोक राजपथ को किया घंटो जाम, प्रदेश अध्यक्ष समेत 7 गिरफ्तार, रिहा फासीवादी ताकतों से जारी रहेगी लड़ाईः एआईवाईएफ पटना। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की बिना शर्त रिहाई को लेकर रविवार को अखिल भारतीय नौजवान संघ(एआईवाईएफ) के राज्यव्यापी आवह्ान पर पटना सहित विभिन्न जिलों में नौजवानों ने सड़क पर उतर कर  चक्का जाम व प्रदर्शन किया। आज यहां पटना काॅलेज के समीप अशोक राजपथ पर नौजवानों ने सड़क पर उतर कर नरेन्द्र मोदी के फांसीवादी सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और लगभग एक घंटे तक यातायात को पूरी तरह ठप कर दिया। इस दौरान आंदोलनकारियों एवं पुलिस प्रशासन के बीच तीखी झड़प हुई। बाद मेें पीरबहोर के थानाध्यक्ष निशार अहमद ने आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे एआईवाईएफ के प्रदेष अध्यक्ष प्रभात कुमार पाण्डेय, राज्य सचिव रौशन कुमार, छात्र समागम के नेता नीतिश पटेल युवा नेता मनोहर कुमार, राकेश कुमार, छात्रा नेता प्रशान्त पटेल, हिमांशु शेखर सहित सात युवा नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।  इस अवसर पर आन्दोलनकारिया

जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की रिहाई को ले मनाव श्रृंखला

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जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष की रिहाई को ले मनाव श्रृंखला छात्र के साथ शिक्षक, कर्मचारी एवं शहर के बुद्धिजीवियों ने घंटों बनायी मानव शंृखला जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष सहित छात्र नेताओं पर राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की वापसी एवं रिहाई को लेकर लगाए नारे पटना। जवाहरलाल नेहरू विश्व विधालय छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित वामपंथी छात्र नेताओं पर से राष्ट्रद्रोह के मुकदमे की वापसी, जेएनयू अध्यक्ष एवं प्रो. गिलानी की रिहाई, रोहित वेमुला को न्याय और जेएनयू-लोकतंत्र व देश बचाओं नारे में साथ आज छात्रों ने अशोक राजपथ पर मानव शृंखला बनाई। पीयू गेट से दरभंगा हाउस तक मानव शंृखला में छात्र, शिक्षक, कर्मचारी, संस्कृतिकर्मी, वकील एवं शहर के बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। गौरतलब है कि एआईएसएफ के नेता व जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, आईसा नेता व जेएनयू छात्रसंघ महासचिव रामानागा, पूर्व अध्यक्ष आशुतोष कुमार, पूर्व उपाध्यक्ष अनंत प्रकाश, श्वेता राज, डीएसएफ की नेता ऐश्वर्या, के अतिरिक्त अनिबर्न भट्टाचार्य एवं उमर खालिद के ऊपर देशद्रोह के मुकदमे एवं विश्वविद्यालय से निलंबित किए जाने के बाद रोष बढ़ता जा रह

सुरक्षा पर प्रतिमाह विवि के खर्च हो रहे 6.20 लाख रूपये

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सुरक्षा पर प्रतिमाह विवि के खर्च हो रहे 6.20 लाख रूपये फिर भी असुरक्षित महसूस कर रहे कुलपति चार महीने से विवि स्थित अपने कक्ष में नहीं बैठे हैं प्रो. वाईसी सिमाद्री छात्रों, कर्मचारियों व शिक्षकों को हो रही परेशानी, पूछ रहे-जब कुलपति ही सुरक्षित नहीं तो हमारी सुरक्षा किसके भरोसे   विद्या सागर पटना। पटना विवि के कुलपति प्रो. डॉ. वाईसी सिमाद्री को सुरक्षा की चिंता सता रही है। साहब खुद को इतने असुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि चार महीने से अपने दफ्तर नहीं गये हैं। वो भी तक जब सुरक्षा को लेकर विवि ने 51 निजी सुरक्षा गार्ड बहाल किये हैं जिन पर 6.20 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च हो रहे हैं। निजी सुरक्षा गार्ड में 12 रिवाल्वरधारी हैं जो 24 घंटे कुलपति के ईर्द-गिर्द रहते हैं। इसके अलावा दो रिवाल्वर धारी सरकारी गार्ड पहले से कुलपति की सुरक्षा में लगे हैं। वहीं कुलपति आवास की सुरक्षा में भी आधे दर्जन से अधिक सिपाही तैनात हैं। इतनी बड़े सुरक्षा कवच के बाद भी साहब को अगर सुरक्षा की चिंता सताये तो सवाल है कि विवि के अंदर छात्र-छात्राओं, शिक्षक व कर्मचारियों की सुरक्षा किसके भरोसे है। कुलपति क