जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास
जेएनयू के बाद अब पटना विश्व विद्यालय में राष्ट्रवाद पर क्लास
छात्र संगठनों ने पटना काॅलेज में आयोजित ‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ पर संवाद
पटना वि॰वि॰ के शिक्षक प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने परिसंवाद में दिया वक्तव्य
पटना 26 फरवरी: आज पटना वि॰वि॰ में वामपंथी/जनवादी छात्र संगठनों आइसा, ए॰आई॰एस॰एफ॰, छात्र राजद, जन अधिकार छात्र परिषद्, छात्र राकांपा ने पटना काॅलेज परिसर में जे॰एन॰यू॰ की तर्ज पर पटना काॅलेज भाषा भवन के पास एक परिसंवाद का आयोजन किया। परिसंवाद का विषय था-‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ इस विषय पर पहले प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने अपना वक्तव्य दिया, उसके पश्चात् परिसंवाद में शामिल छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे।
वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रवाद एक निर्मित है, जो बहुत पुरानी नहीं है। भारत के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रवाद एक मुक्ति संघर्ष नीति स्वाधीनता संघर्ष के क्रम में निर्मित हुआ। राष्ट्रवाद के कई आयाम हैं, और यह सभी आयामों की समाहित करते हुए ही समृद्ध होता है। पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के कारण इसे बहुत संकुचित रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह छात्रों और सचेत लोगों का दायित्व है कि प्रगतिशील राष्ट्रवाद की अवधारणा को आम जनमानस तक पहुँचाई।
छात्र संगठनों ने बताया है कि कल परिसंवाद में राष्ट्रवाद की अवधारणा पर प्रो॰ ओ॰पी॰ जायसवाल का वक्तव्य होगा।
छात्र संगठनों ने पटना काॅलेज में आयोजित ‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ पर संवाद
पटना वि॰वि॰ के शिक्षक प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने परिसंवाद में दिया वक्तव्य
पटना 26 फरवरी: आज पटना वि॰वि॰ में वामपंथी/जनवादी छात्र संगठनों आइसा, ए॰आई॰एस॰एफ॰, छात्र राजद, जन अधिकार छात्र परिषद्, छात्र राकांपा ने पटना काॅलेज परिसर में जे॰एन॰यू॰ की तर्ज पर पटना काॅलेज भाषा भवन के पास एक परिसंवाद का आयोजन किया। परिसंवाद का विषय था-‘राष्ट्रवाद की अवधारणा’ इस विषय पर पहले प्रो॰ विनय कंठ और प्रो॰ डेजी नारायण ने अपना वक्तव्य दिया, उसके पश्चात् परिसंवाद में शामिल छात्रों ने अपने प्रश्न पूछे।
वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्रवाद एक निर्मित है, जो बहुत पुरानी नहीं है। भारत के संदर्भ में भारतीय राष्ट्रवाद एक मुक्ति संघर्ष नीति स्वाधीनता संघर्ष के क्रम में निर्मित हुआ। राष्ट्रवाद के कई आयाम हैं, और यह सभी आयामों की समाहित करते हुए ही समृद्ध होता है। पर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कुछ लोग अपने निहित स्वार्थों के कारण इसे बहुत संकुचित रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह छात्रों और सचेत लोगों का दायित्व है कि प्रगतिशील राष्ट्रवाद की अवधारणा को आम जनमानस तक पहुँचाई।
छात्र संगठनों ने बताया है कि कल परिसंवाद में राष्ट्रवाद की अवधारणा पर प्रो॰ ओ॰पी॰ जायसवाल का वक्तव्य होगा।
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