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जून, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैट्रिक में चंदा हाईस्कूल की कशिश बनी औरंगाबाद टॉपर

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दाउदनगर की अलका को जिले में दूसरा स्थान तीसरे स्थान पर चंदा हाईस्कूल के शिव कुमार ओबरा के चंदा हाईस्कूल के टॉप टेन में तीन छात्र टॉप टेन में दाउदनगर के सात व अशोक हाईस्कूल के पांच छात्र विद्या सागर  पटना। मैट्रिक बोर्ड परीक्षा में औरंगाबाद में ओबरा प्रखंड के चंदा हाईस्कूल की छात्रा कशिश कुमारी ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। कशिश को 452 अंक मिले हैं। वहीं दूसरे स्थान पर दाउनगर के गल्र्स हाईस्कूल दाउदनगर की अलका कुमारी रही। अलका को 441 अंक प्राप्त हुए हैं। तीसरे स्थान पर ओबरा के चंदा हाईस्कूल के ही शिव कुमार रहे। इन्हें 440 अंक प्राप्त हुए हैं। हरीगांव हाईस्कूल के रणविजय कुमार को जिले में चौथा स्थान प्राप्त हुआ है। रणविजय को 439 अंक प्राप्त हुए हैं। पांचवें स्थान पर रफीगंज प्रखंड के आर बी आर हाईस्कूल के रोहित कुमार रहे। इन्हें 438 अंक प्राप्त हुए हैं। अशोक हाईस्कूल दाउदनगर के राधेश्याम कुमार पिता जय शंकर प्रसाद व सुमंत कुमार पिता मनोज कुमार छठे स्थान पर रहे। दोनों को 437 अंक प्राप्त हुए हैं। वहीं ओबरा के चंदा हाईस्कूल के सुमन कुमार पिता रविन्द्र वर्मा को जिले में

पर्यावरण का गणित ठीक कर रहे गणितज्ञ रूपेश, danik jagran, 16 june 2017

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पर्यावरण का गणित ठीक कर रहे गणितज्ञ रूपेश विद्या सागर पटना। पेशे से गणित के शिक्षक हैं। दस हजार पौधे लगाना व दस हजार बच्चों को गणित के प्रति जागरूक बनाना इनका लक्ष्य है। हर पूर्णिमा को गांव में सत्यनारायण भगवान के कथा के बाद गांव में 30 पौधे लागते हैं। ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करते हैं। नाते रिश्तेदारी में जाते हैं तो उपहार में पौधे देते हैं। ये हैं पटना जिले के विक्रम थाना के हरपुरा गांव निवासी रूपेश कुमार। रूपेश बताते हैं कि वे पिछले आठ वर्षों से इस अभियान में लगे हैं। 20 जून 2009 को अपने जन्म दिन के मौके पर पौधरोपण की शुरूआत की। इस माह की पूर्णिमा को अबतक कुल 2340 पौधे लगा चुके हैं। रूपेश यूं तो पटना में ही रहते हैं। लेकिन हर पूर्णिमा को अपने गांव में ही सत्यनारायण व्रत कथा जरूर करवाते हैं। इस दिन गांव के लोग भी इनका बेसब्री से इंतजार करते हैं। यही वह खास दिन होता है जब वे ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधे लगाते हैं। तब उनके चेहरे की चमक देखने लायक होती है। वे कहते हैं कि हम पर्यावरण से बहुत कुछ खोजते हैं। पर पर्यावरण के लिए हम क्या करते हैं यह महत्वपूर्ण