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इरोम शर्मिला के समर्थन में बंदियों का धरना 10 वें दिन भी जारी

इरोम शर्मिला के समर्थन में बंदियों का धरना 10 वें दिन भी जारी औरंगाबाद। इरोम शर्मिला के समर्थन में 7 नवंबर से धरना पर बैठे बंदियों का धरना 11 वें दिन भी जारी रहा। बंदी प्रमोद मिश्रा, नथुनी मिस्त्री, विवेक यादव, अवधेश यादव ने कहा कि इरोम को सरकार न्याय नहीं दे रही है। प्रकरण लोकतांत्रिक धर्मयुद्ध है। पुलिसिया दमन से इज्जत बचाने के लिए वह संघर्ष कर रही है। यह लड़ाई तब तक चलती रहेगी जब तक न्याय नहीं मिल जाता है। बंदियों ने कहा कि इरोम के समर्थन में हम साथ खड़े हैं। न्याय के लिए संघर्ष करते रहेंगे। हम किसी भी कीमत पर लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देंगे। द्रौपदी का चीरहरण होते नहीं देख सकते। इरोम सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम के विरोध में आंदोलन कर रही हैं, जो देश हित में है। राजेश्वर पांडेय, नारायण सिंह, रामदयाल दास, फिरोज खान, छोटू रजक, सत्येंद्र यादव, सुनील खत्री, अवधेश यादव, रामजीत राम, जटू राम, दारा भुईयां उपस्थित रहे। सभी ने कहा कि पहले चरण में आंदोलन 22 नवंबर तक चलेगा। बंदी दीनानाथ प्रजापति, सुनील खत्री, सूबेदार यादव, रामजन्म यादव, सीताराम भुईयां ने कहा कि पुलिसिया दम

पुलिस क़ानून को हाथ में लेते हुए मीडियाकर्मियों पर ही शर्मनाक कार्यवाई कर रही है।

हरियाणा की नयी सरकार अपने पहले इम्तिहान में असफल हो गयी है। अदालत की खुलेआम अवमानना हो रही है। पुलिस क़ानून को हाथ में लेते हुए मीडियाकर्मियों पर ही शर्मनाक कार्यवाई कर रही है। बाबा खुद में क़ानून बन गए हैं और हमारा कानून असहाय दिख रहा है। हिसार ज़िले में बरवाला का ये प्रकरण इस बात का सबूत है कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था जैसी कोई चीज़ नहीं बची है। हरियाणा सरकार का इस मुद्दे के प्रति रवैये से पुलिस या अदालत ही नहीं, पूरा देश असहाय महसूस कर रहा है। बरवाला की ये दुर्भाग्यपूर्ण घटना एक गहरी और चिंतित करने वाली बात सामने लाता है। क्यों एक बाबा की गिरफ्तारी को इतना बड़ा स्वरुप दे दिया गया है? वोट-बैंक की राजनीति के नाम पर बाबाओं से पार्टियों के गठबंधन का कानून-व्यवस्था पर क्या प्रभाव पर सकता है? अदालत का सहयोग कर रहे वक़ील ने भी राज्य सरकार के आचरण पर सवाल उठाते हुए सचेत किया था कि सरकार जिस तरह इस मुद्दे को संभाल रही है उससे अराजकता और अव्यवस्था का माहौल बनेगा। रविवार को जब बाबा रामपाल की गिरफ्तारी हो जानी चाहिए थी तो सरकार ने शाम 7:30 बजे पुलिस बल में ही कमी कर दी थी।