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कोचिंग संस्थानों के जाल में फंस रहे छात्र विद्या सागर

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कोचिंग संस्थानों के जाल में फंस रहे छात्र   विद्या सागर पटना। जमाना विज्ञापन और मार्केटिंग का है। विज्ञापन व मार्केटिंग के महत्व को राजधानी के कोचिंग संस्थानों ने अच्छी तरह समझ भी लिया है। इसी वजह से वे अपने अजीब स्लोगनों से छात्रों को दिग्भ्रमित करते हैं। अशोक राजपथ, बोरिंग रोड, राजाबाजार, बाजार समिति इलाके में कोचिंग संस्थानों का जाल फैला हुआ है। इन इलाकों में जिधर नजर जाती है, कोचिंग संस्थानों के अजब-गजब विज्ञापन दिख जाते हैं। सबकी अपनी पंचलाइन है। कोई तीन महीने में धाराप्रवाह अंग्रेजी बोलना सीखा रहा है, तो कोई ढाई महीने में गधे को पीओ बनाने की गारंटी दे रहा है। विज्ञापनों में चयन नहीं होने पर मनी बैक तक की गारंटी भी दी जा रही है। एक स्लोगन पर गौर करें। ‘हीरोशिमा शहर जो उड़ा दे, उसे परमाणु कहते हैं, गधे को भी जो ढाई महीने में पढ़ा कर बैंक पीओ बना दे उसे ..कहते हैं’। पटना विवि के समीप स्थित एक कोचिंग संस्थान इसी अंदाज में बेरोजगार छात्रों को बैंक पीओ बनाने का दावा करता है। कोचिंग प्रबंधन से जब इस संवाददाता ने बात की तो उनका कहना था कि उनका संस्थान पीओ बनाने की गारंटी देता है।

मेरे नाम से राष्ट्रीय सहारा पटना के २३.१०. २०१४ के अंक में प्रकाशित मेरा रिपोेर्ट

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मेरे नाम से राष्ट्रीय सहारा पटना के २३.१०. २०१४  के अंक में प्रकाशित मेरा रिपोेर्ट

मनरेगा बचाने के लिए 15 दिनों से इस गांव के लोग दे रहे धरना

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मनरेगा बचाने के लिए 15 दिनों से इस गांव के लोग दे रहे धरना   पटना। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को बचाने के लिए मुजफ्फरपुर जिले के एक गांव सैकड़ों लोग पिछले 15 दिनों से धरने पर हैं। लोग केंद्र सरकार की उस योजना का विरोध कर रहे हैं जिसमें उन्होंने सुना है कि सरकार मनरेगा को सीमित करने वाली है। लोग सरकार इसे जारी रखने की मांग कर रहे हैं। पिछले दिनों देश के दस शीर्ष अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी को देश के 200 पिछड़े जिलों में मनरेगा को सीमित कर इसके बदले दूसरी योजना शुरू करने की सलाह दी थी जिसका खर्च राज्य सरकार को उठना था। सामाजिक कार्यकर्ता संजय साहनी ने बताया कि यह सच है कि मनरेगा में काफी भ्रष्टाचार है लेकिन इसने ग्रामीण इलाकों में लोगों को रोजगार दिए हैं इसे भी नकारा नहीं जा सकता है। धरने पर बैठी मरनेगा के तहत मजदूरी करने वाली 60 वर्षीय परमशीला देवी ने बताया कि उसके पति के गुजरने के बाद मनरेगा से उसे काफी सहारा मिला। पिछले तीन सालों में उसने करीब 20 हजार रुपए कमाए।

पटना के प्रोफेसर को मिला मंगल पर नाम भेजने का बोर्डिंग पास

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पटना के प्रोफेसर को मिला मंगल पर नाम भेजने का बोर्डिंग पास पटना। राजधानी के एक प्रोफेसर को मंगल ग्रह अपना नाम भेजने का बोर्डिंग पास मिल गया है। मगध विवि के एएन कॉलेज में बच्चों को पर्यावरण पढ़ाने वाले अशोक घोष दुनिया के ऐसे 10 लाख लोगों में शामिल हो गए हैं जिन्हें नासा ने मंगल पर नाम भेजने का बोर्डिंग पास जारी किया है। नासा ने दुनिया के दस लाख लोगों को चार दिसंबर को मंगल ग्रह पर जाने वाले ओरियन यान पर अपना नाम लिखकर भेजने का मौका दिया है। डॉ. घोष अपना नाम आने से काफी उत्साहित हैं और यह मौका किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहते हैं। इस यान पर अपना नाम लिखकर भेजने के लिए रजिस्ट्रेशन करना होता है। इसकी अंतिम तारीख नासा ने 31 अक्टूबर तय की है।

भोजपुर गैंगरेप: CBI जांच की मांग पर ट्रेन व सड़क यातायात बाधित

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भोजपुर गैंगरेप: CBI जांच की मांग पर ट्रेन व सड़क यातायात बाधित  पटना. बहुचर्चित गैंगरेप कांड की सीबीआई जांच की मांग को लेकर मंगलवार को भोजपुर बंद असरदार रहा। पटना- मुगलसराय रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन घंटों बाधित रहा। जगह-जगह सड़क जाम करने से नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे समेत कई मार्गों पर आवागमन ठप रहा। बंद का आह्वान अखिल भारतीय राष्ट्रवादी किसान संगठन ने किया था। संगठन भोजपुर गैंग रेप कांड की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।   आरा में बाजार बंद  संगठन का कहना है कि बिहार सरकार आरोपियों पर राजनीतिक साजिश के तहत कार्रवाई कर रही है। बंद समर्थकों ने आरा स्टेशन पर जमकर बवाल मचाया। प्लेटफॉर्म पर ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया। ट्रेन के आगे खड़े व इंजन पर चढ़कर उसे आगे बढ़ने से रोक दिया। आरा में बाजार बंद रहे। गोपाली चौक पर दुकानें बंद कराने के सवाल पर किसानों व बंद समर्थकों के बीच झड़प हुई। दुकानदार धनतेरस को लेकर अगले दिन बंदी में शामिल होने की अपील कर रहे थे। जबकि, उग्र कार्यकर्ता बंद कराने पर अड़े थे। बाद में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंदुभूषण सिंह व दुकानदारों के बीच व

75 फीसदी उपस्थिति भी नहीं होगी काफी

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75 फीसदी उपस्थिति भी नहीं होगी काफी कक्षा से गैरहाजिर रहने पर देना ही होगा फाइन विद्या सागर  पटना। पटना विवि के छात्र सावधान हो जाएं। वर्ग में आपकी उपस्थिति 75 प्रतिशत रहने के बाद भी गैरहाजिर होने पर फाइन देना होगा। कुलपति द्वारा हाल ही में जारी पत्र में कक्षा में अनुपस्थित रहने पर फाइन का प्रावधान किया गया है। अभी तक छात्रों में यह समझ बनी थी कि 75 प्रतिशत उपस्थिति ही अनिवार्य है और इसे पूरा करने पर फाइन नहीं लगेगा। पीयू के डीन स्टूडेन्ट्स वेलफेयर केएन पासवान का कहना है कि अगर कोई छात्र एक दिन भी अनुपस्थित रहा और उसने आवेदन पहले से विभाग में नहीं दिया तो उसे फाइन भरना ही होगा। पिछले वर्ष तक 75 प्रतिशत उपस्थिति ही अनिवार्य थी। इसमें भी उपस्थिति 60 प्रतिशत तक रहने पर कुलपति अपनी ओर से 15 प्रतिशत अटेंडेंटस देकर फार्म भरने की अनुमति दे देते थे। इस बार कुलपति ने किसी भी स्थिति में 60 प्रतिशत के बाद मेडिकल नहीं देने का आदेश निगर्त किया है। ऐसे में परीक्षा फार्म भरने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य हो गयी है। इसके बिना छात्र फार्म भरने से वंचित हो सकते हैं।

मधेपुरा के पंडित जी की लव स्टोरी

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जानिए मधेपुरा के पंडित जी की लव स्टोरी , एक नहीं तीन शादियों की कहानी  पटना। मधेपुरा में आज कल एक पुजारी की पंडितई की चर्चा नहीं उनकी लव स्टोरी की चर्चा हो रही है। पंडित जी इतने बड़े नटवरलाल हैं कि अबतक नाम बदल-बदल कर तीन शादियां कर चुके हैं। यह पोल तब खुला जब तीसरी पत्नी उनको खोजते हुए मधेपुरा के दुर्गा मंदिर में पहुंच गई और कहने लगी कि यह मेरे पति हैं। इस घटना के बाद पंडित घोलट झा फरार हैं। तीसरी पत्नी रीना ने बताया कि घोलट झा ने उसे पूर्णिया में चाय पीते-पीते शादी के लिए प्रपोज किया था। कहानी ऐसा है कि आज से चार साल पहले घोलट झा पूर्णिया में भट्ठा बाजार में एक चाय दुकान पर चाय पीने जा करता थे। रीना उसी के बगल के मकान में रहती थी। घोलट झा ने वहां अपना नाम बदला और कहा कि मेरा नाम एन के झा। धीरे-धीरे दोनों के बीच में संबंध बढ़ता चला गया और वह रीना के घर जाने लगा। पंडित ने रीना को कहा कि उसकी पहली पत्नी मर चुकी है। वह अकेला है और इतनी बड़ी जिंदगी काटना मुश्किल है, इसीलिए हम तुमसे शादी करना चाहते हैं। रीना उसकी बातों में फंस गई और शादी रचा ली। रीना को पंडित जी मधेपुरा ले आ

नहीं शुरू हो सकी रेमेडियल कोचिंग

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नहीं शुरू हो सकी रेमेडियल कोचिंग पीयू में पड़ा है यूजीसी से मिला 30 लाख अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को कराना था नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी   विद्या सागर पटना। यूजीसी से पटना विवि को राशि मिलने के बावजूद कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कोचिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। यूजीसी ने विविद्यालयों में कोचिंग के संचालन की योजना बनाई थी। यूजीसी विविद्यालयों में कमजोर वर्ग के छात्र- छात्राओं को नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं क ी तैयारी कराने के लिए राशि देता है। अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को नेट, बैंकिंग एवं बीपीएससी/यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। इसके लिए यूजीसी ने पटना विवि को दो वर्ष पूर्व 12वीं पंचवर्षीय योजना में करीब 30 लाख रुपये दिया, लेकिन दो साल में यह राशि खर्च नहीं की जा सकी है। ऐसे में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बाहर में कोचिंग करना पड़ता है, जो काफी खर्चीला है। पटना विविद्यालय को यूजीसी से राशि आवंटित हुए दो वर्ष बीत गये, लेकिन विविद्यालय प्