नहीं शुरू हो सकी रेमेडियल कोचिंग
नहीं शुरू हो सकी रेमेडियल कोचिंग
पीयू में पड़ा है यूजीसी से मिला 30 लाख
अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को कराना था नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी
विद्या सागर
पटना। यूजीसी से पटना विवि को राशि मिलने के बावजूद कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कोचिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। यूजीसी ने विविद्यालयों में कोचिंग के संचालन की योजना बनाई थी। यूजीसी विविद्यालयों में कमजोर वर्ग के छात्र- छात्राओं को नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए राशि देता है। अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को नेट, बैंकिंग एवं बीपीएससी/यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। इसके लिए यूजीसी ने पटना विवि को दो वर्ष पूर्व 12वीं पंचवर्षीय योजना में करीब 30 लाख रुपये दिया, लेकिन दो साल में यह राशि खर्च नहीं की जा सकी है। ऐसे में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बाहर में कोचिंग करना पड़ता है, जो काफी खर्चीला है। पटना विविद्यालय को यूजीसी से राशि आवंटित हुए दो वर्ष बीत गये, लेकिन विविद्यालय प्रशासन द्वारा रुचि नहीं लेने के कारण अभी तक स्थल का चयन भी नहीं हो सका है। स्थल चयन में इस बात का ध्यान रखा जाना है कि जिस कॉलेज अथवा विभाग के किसी खंड में इसे जगह मिले, वहां मूलभूत सुविधाओं मसलन कुर्सी, टेबल, ब्लैकबोर्ड आदि उपलब्धता हों। यूजीसी ने पहले भी कॉलेजों में कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था का आदेश दिया था। इसके तहत कॉलेज स्तर पर पटना विविद्यालय के बीएन कॉलेज में यूजीसी की रेमेडियल कोचिंग का संचालन वर्ष 2010, 2011 व 2012 में हुआ। इसके लिए वर्ष 2009 में ही यूजीसी से राशि मिली थी। वर्ष 2012 के बाद राशि नहीं मिलने पर इसका संचालन बंद हो गया था। सात-आठ साल पहले पटना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग व वर्ष 2004-05 में व साइंस कलेज परिसर स्थित रसायनशास्त्र विभाग में कोचिंग चली थी। यूजीसी द्वारा लगातार राशि नहीं दिए जाने के कारण कुछ ही महीनों के बाद यह बंद हो गई। विविद्यालय द्वारा कोचिंग संचालित नहीं किये जाने से छात्रों में आक्रोश है।
पटना। यूजीसी से पटना विवि को राशि मिलने के बावजूद कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कोचिंग की व्यवस्था नहीं की गई है। यूजीसी ने विविद्यालयों में कोचिंग के संचालन की योजना बनाई थी। यूजीसी विविद्यालयों में कमजोर वर्ग के छात्र- छात्राओं को नेट व प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए राशि देता है। अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों को नेट, बैंकिंग एवं बीपीएससी/यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कराई जाती है। इसके लिए यूजीसी ने पटना विवि को दो वर्ष पूर्व 12वीं पंचवर्षीय योजना में करीब 30 लाख रुपये दिया, लेकिन दो साल में यह राशि खर्च नहीं की जा सकी है। ऐसे में अनुसूचित जाति के छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए बाहर में कोचिंग करना पड़ता है, जो काफी खर्चीला है। पटना विविद्यालय को यूजीसी से राशि आवंटित हुए दो वर्ष बीत गये, लेकिन विविद्यालय प्रशासन द्वारा रुचि नहीं लेने के कारण अभी तक स्थल का चयन भी नहीं हो सका है। स्थल चयन में इस बात का ध्यान रखा जाना है कि जिस कॉलेज अथवा विभाग के किसी खंड में इसे जगह मिले, वहां मूलभूत सुविधाओं मसलन कुर्सी, टेबल, ब्लैकबोर्ड आदि उपलब्धता हों। यूजीसी ने पहले भी कॉलेजों में कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए कोचिंग की व्यवस्था का आदेश दिया था। इसके तहत कॉलेज स्तर पर पटना विविद्यालय के बीएन कॉलेज में यूजीसी की रेमेडियल कोचिंग का संचालन वर्ष 2010, 2011 व 2012 में हुआ। इसके लिए वर्ष 2009 में ही यूजीसी से राशि मिली थी। वर्ष 2012 के बाद राशि नहीं मिलने पर इसका संचालन बंद हो गया था। सात-आठ साल पहले पटना कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग व वर्ष 2004-05 में व साइंस कलेज परिसर स्थित रसायनशास्त्र विभाग में कोचिंग चली थी। यूजीसी द्वारा लगातार राशि नहीं दिए जाने के कारण कुछ ही महीनों के बाद यह बंद हो गई। विविद्यालय द्वारा कोचिंग संचालित नहीं किये जाने से छात्रों में आक्रोश है।
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