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वोटवा के दिन त पेटवो पर आफत आ गेल बाबू.......

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वोटवा के दिन त पेटवो पर आफत आ गेल बाबू....... आर ब्लॉक गेट के पास स्थित बस्ती के लोगों ने बयां किया अपना दर्द   अपनी झोपड़ी बनाने में व्यस्त रही रजवंती  तो भारती दवा के लिए थी मोहताज   लोकतंत्र के महापर्व पर भी राजनीतिक दलों को नहीं आयी इन गरीबों की याद। विद्या सागर   पटना। लोकतंत्र जिसके लिए है वही उस तंत्र का यहां हिस्सा नहीं है। नेता गरीबों की बात करते हैं गरीब दो जून रोटी के लिए मोहताज है। शिक्षा व स्वास्य की बात तो दूर एक अदद दवा के लिए वृद्ध महिला सड़क पर पैसा मांग रही है। हम बात कर रहे हैं राजधानी के पॉश इलाके की। जहां से कुछ ही कदम पर विधानसभा स्थित है। हर रोज विधायक, विधान पार्षद से लेकर लालबत्ती धारी मंत्री एवं मुख्यमंत्री इस सड़क से गुजरते हैं लेकिन उनकी नजर गरीबों की बस्ती पर शायद नहीं पड़ती जिसमें लोग भीख मांगकर, डफली बजाकर, रिक्शा खींचकर दो जून की रोटी का इंतजाम करते हैं।राजधानी में बुधवार को मतदान चल रहा था। ‘‘राष्ट्रीय सहारा’ उनकी बस्ती में पहुंचा जिनकी नेता जी हमेशा बात करते हैं। आर ब्लॉक गेट के बगल में कूड़ा का अंबार लगा एक बड़ा हाता है।