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फ़रवरी 14, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

वेलेंटाइन डे और भगतसिंह को फाँसी की सजा का संघी कुत्साप्रचार

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वेलेंटाइन डे और भगतसिंह को फाँसी की सजा का संघी कुत्साप्रचार   वेलेंटाइन डे और भगतसिंह- शहीद भगतसिंह की विचारधारा से संघ आज भी खौफ खाता है पिछले कुछ वर्षों से वेलेंटाइन डे के दिन संघ अपने परम्परागत तरीके मार पिटाई के अलावा विरोध का एक ओर तरीका प्रयोग में ला रहा है। उसने इस दिन को किसी ओर दिन के रूप में पेश करने की भी कोशिश शुरू कर दी है। संघ के कुछ लोग इस दिन मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाने की वकालत करते हैं तो कुछ ये प्रचार कर रहे हैं कि इस दिन 1930 में शहीद भगतसिंह और उनके साथियों को फाँसी की सजा सुनाई गई थी। शुरूआती कुछ सालों में तो ये बेशर्मी से इसी दिन को भगतसिंह को फाँसी की सजा देने की तारीख बताते थे पर बाद में इनका ये झूठ जब चला नहीं तो इन्होने ये प्रचार चालू किया कि इस दिन उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी। इतिहासबोध से रिक्त मध्यम वर्ग के बीच इस प्रचार का अच्छा खासा प्रभाव भी हो चुका है। यहां तक कि एक अख़बार राजस्थान पत्रिका ने तो बाकायदा इसको एक बड़ी सी तस्वीर के साथ शेयर किया है। जैसी की आशा थी, उस पोस्ट को लाखों लाइक और शेयर भी मिल गये। हकीकत ये है कि भगतसिंह के केस