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जनवरी 8, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

इरोम के समर्थन में चल रहे बंदियों के आंदोलन का होगा विस्तार

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इरोम के समर्थन में चल रहे बंदियों के आंदोलन का होगा विस्तार पेशी पर कोर्ट आए माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा ने की घोषणा, कहा- जेलों से बाहर निकल गया है आंदोलन, आंदोलन को दिया जाएंगा अखिल भारतीय स्वरूप पेशी पर कोर्ट आये माओवादी नेता औरंगाबाद। औरंगाबाद मण्डल कारा में विचारधीन बंदी के रूप में रहते हुए मणिपुर में लागू सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून(अफसपा) को हटाने की मांग को लेकर 15वर्षों से आमरण अनशनरत सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मिला के समर्थन में आंदोलन कर रहे प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा ने कहा है कि उनका आंदोलन अब औरंगाबाद और राज्य के विभिन्न जेलों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह जन आंदोलन का स्वरूप लेने जा रहा है। आंदोलन के प्रति सरकार द्वारा सुधि नहीं लिए जाने को लेकर पूर्व घोषणा के अनुरूप अधनंगे बदन औरंगाबाद के कोर्ट में पेशी पर आए शीर्ष माओवादी नेता ने कहा कि इरोम के समर्थन में उनके द्वारा आरंभ किया गया आंदोलन जेलों से बाहर आ चुका है और इसके समर्थन में कई संगठन उतर आए है और शीघ्र ही यह आंदोलन अखिल भारतीय स्वरूप ग्रहण कर लेगा। उन्हो

कार्टूनिस्ट, जो था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा पैरोकार

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कार्टूनिस्ट, जो था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा पैरोकार कार्टूनिस्ट, जो था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सबसे बड़ा पैरोकार पेरिस। आतंकी हमले में चार्ली एब्दो के संपादक और ख्यात कार्टूनिस्ट स्टीफेन कारबोनियर की भी मौत हो गई। दरअसल, आतंकियों के निशाने पर सबसे पहले स्टीफेन ही थे। कारण भी साफ है। स्टीफेन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सबसे बड़े पैरोकार थे। वे अपनी लकीरों के माध्यम से धर्म और राजनीति समेत समाज के हर पहलू पर निशाना साधते थे। इसके चलते उन्हें कई बार धमकियां भी मिलीं, लेकिन तमाम खतरों के बावजूद वे मैग्जीन की रीति-नीति बदलने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने कहा था कि घुटनों के बल जीने के बजाय खड़े रहकर मरना पसंद करुंगा...और आखिरी में ऐसा हुआ। कथिततौर पर इस्लाम विरोधी कार्टून बनाने पर मिली धमकियों के बाद उन्होंने 2012 में एसोसिएट प्रेस से साफ कहा था, मैं फ्रांसीसी कानून के तहत रहता हूं, न कि कुरान के कानून के तहत। स्टीफेन कई चरमपंथी गुटों के साथ-साथ अलकायदा के भी निशाने पर भी थे। अलकायदा की हिट लिस्ट में वह नौवें नंबर पर थे। यह लिस्ट इस संगठन की

पेरिस में आतंकी हमले में संपादक सहित 12 पत्रकारों की मौत

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पेरिस में आतंकी हमले में संपादक सहित 12 पत्रकारों की मौत फ्रांस की राजधानी पेरिस में मीडिया पर हुए आतंकी हमले से पूरी दुनिया हिल गई है। तीन आतंकियों ने फ्रेंच मैगजीन शार्ली ऐब्दो पर हमला करके मैगजीन के संपादक समेत 10 पत्रकारों को मार डाला। हमले में दो पुलिस वालों समेत कुल 12 लोग मारे गए हैं। पेरिस। फ्रांस की राजधानी पेरिस में मीडिया पर हुए आतंकी हमले से पूरी दुनिया हिल गई है। तीन आतंकियों ने फ्रेंच मैगजीन शार्ली ऐब्दो पर हमला करके मैगजीन के संपादक समेत 10 पत्रकारों को मार डाला। हमले में दो पुलिस वालों समेत कुल 12 लोग मारे गए हैं। माना जा रहा है कि तीनों हमलावरों का संबंध किसी जेहादी आतंकी संगठन के साथ हो सकता है। हमलावरों ने मैगजीन के दफ्तर में हमले के वक्त अल्ला- हू -अकबर के नारे लगाए थे, 50 राउंड से ज्यादा की फायरिंग की और वारदात को अंजाम देकर मौके से फरार भी हो गए। हमले के बाद पूरे फ्रांस में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। फ्रांस के गृहमंत्री का कहना है कि तीनों आतंकियों की तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना की राष्ट्रपति और प्रधा