पर्यावरण का गणित ठीक कर रहे गणितज्ञ रूपेश, danik jagran, 16 june 2017

पर्यावरण का गणित ठीक कर रहे गणितज्ञ रूपेश


विद्या सागर
पटना। पेशे से गणित के शिक्षक हैं। दस हजार पौधे लगाना व दस हजार बच्चों को गणित के प्रति जागरूक बनाना इनका लक्ष्य है। हर पूर्णिमा को गांव में सत्यनारायण भगवान के कथा के बाद गांव में 30 पौधे लागते हैं। ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करते हैं। नाते रिश्तेदारी में जाते हैं तो उपहार में पौधे देते हैं। ये हैं पटना जिले के विक्रम थाना के हरपुरा गांव निवासी रूपेश कुमार। रूपेश बताते हैं कि वे पिछले आठ वर्षों से इस अभियान में लगे हैं। 20 जून 2009 को अपने जन्म दिन के मौके पर पौधरोपण की शुरूआत की। इस माह की पूर्णिमा को अबतक कुल 2340 पौधे लगा चुके हैं। रूपेश यूं तो पटना में ही रहते हैं। लेकिन हर पूर्णिमा को अपने गांव में ही सत्यनारायण व्रत कथा जरूर करवाते हैं। इस दिन गांव के लोग भी इनका बेसब्री से इंतजार करते हैं। यही वह खास दिन होता है जब वे ग्रामीणों के साथ मिलकर पौधे लगाते हैं। तब उनके चेहरे की चमक देखने लायक होती है। वे कहते हैं कि हम पर्यावरण से बहुत कुछ खोजते हैं। पर पर्यावरण के लिए हम क्या करते हैं यह महत्वपूर्ण है। पौधरोपण कर मुझे जो सुकून मिलता है वो मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। मुझे लगता है मैं कोई बहुत बड़ा काम नहीं कर रहा। ये ऐसा काम है जो हर किसी को करना चाहिए।

पौधरोपण के साथ गरीब बच्चों को शिक्षादान
रूपेश हर वर्ष निश्शुल्क 20 बच्चों को शिक्षादान देते हैं। टेस्ट के माध्यम से गरीब मेधावी बच्चों का चयन महान गणितज्ञ रामानुज की 22 दिसंबर को जयंती के दिन पटना के कालीदास रंगालय में कार्यक्रम आयोजित कर करते हैं। इन बच्चों को गणित की शिक्षा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरूक करते हैं। जब भी ये बच्चे टेस्ट में अव्वल आते हैं तो उन्हें उपहार में पौधे ही देते हैं। रूपेश बताते हैं कि वे प्रतिदिन पटना के बीएन कॉलेजिएट स्कूल में भी एक घंटे नियमित निश्शुल्क शिक्षादान देते हैं। यह कार्य वे वर्ष 2010 से कर रहे हैं।
ससुराल सहित रिश्तेदारों के यहां भी लगाए पौधे
रूपेश बताते हैं कि वे सिर्फ अपने गांव में ही नहीं अपने ससुराल व रिश्तेदारों के यहां जब भी जाते हैं वहां पौधे जरूर लगाना नहीं भुलते हैं। साथ ही उनलोगों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।
नेक काम का करेंगे विस्तार
रूपेश अभी रुके नहीं हैं। इन नेक काम का विस्तार करने को तैयार हैं। वे कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक लोग मेरी इस मुहिम में मेरे साथ आएं। ताकि पर्यावरण हमें वो सबकुछ देता रहे जो हम उससे चाहते हैं।

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