सुरक्षा पर प्रतिमाह विवि के खर्च हो रहे 6.20 लाख रूपये

सुरक्षा पर प्रतिमाह विवि के खर्च हो रहे 6.20 लाख रूपये

फिर भी असुरक्षित महसूस कर रहे कुलपति

चार महीने से विवि स्थित अपने कक्ष में नहीं बैठे हैं प्रो. वाईसी सिमाद्री

छात्रों, कर्मचारियों व शिक्षकों को हो रही परेशानी,

पूछ रहे-जब कुलपति ही सुरक्षित नहीं तो हमारी सुरक्षा किसके भरोसे

 

विद्या सागर
पटना।
पटना विवि के कुलपति प्रो. डॉ. वाईसी सिमाद्री को सुरक्षा की चिंता सता रही है। साहब खुद को इतने असुरक्षित महसूस कर रहे हैं कि चार महीने से अपने दफ्तर नहीं गये हैं। वो भी तक जब सुरक्षा को लेकर विवि ने 51 निजी सुरक्षा गार्ड बहाल किये हैं जिन पर 6.20 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च हो रहे हैं। निजी सुरक्षा गार्ड में 12 रिवाल्वरधारी हैं जो 24 घंटे कुलपति के ईर्द-गिर्द रहते हैं। इसके अलावा दो रिवाल्वर धारी सरकारी गार्ड पहले से कुलपति की सुरक्षा में लगे हैं। वहीं कुलपति आवास की सुरक्षा में भी आधे दर्जन से अधिक सिपाही तैनात हैं। इतनी बड़े सुरक्षा कवच के बाद भी साहब को अगर सुरक्षा की चिंता सताये तो सवाल है कि विवि के अंदर छात्र-छात्राओं, शिक्षक व कर्मचारियों की सुरक्षा किसके भरोसे है। कुलपति के दफ्तर में नहीं बैठने को लेकर पिछले दिनों सिंडिकेट की बैठक में सदस्यों ने जमकर हंगामा किया था। इसका भी कोई असर कुलपति पर नहीं पड़ रहा है। आगंतुकों को भी हो रही परेशानीकुलपति के चार माह से दफ्तर नहीं आने से विवि मुख्यालय आने वाले आगंतुक भी परेशान हैं। कुलपति से आगंतुकों की कब और कहां मुलाकात होगी इस बारे में न तो कार्यालय में कोई नोटिस सटा है और न ही कोई बताने वाला है। आगंतुकों के साथ ही छात्र, शिक्षक व कर्मचारी भी उनके दफ्तर में नहीं बैठने के कारण परेशान हैं। किसी भी काम को लेकर कुलपति से किसी का भी मिलना पहाड़ पर पैदल जाने जैसा है।आवास से ही निपटा रहे काम कुलपति डॉ. सिमाद्री अपने पटना कॉलेज स्थित आवास से ही विवि का सारा काम निपटा रहे हैं। कुलपति की मर्जी के बिना आवास के अंदर कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। अपने दफ्तर की सारी फाइलें कुलपति ने आवास पर मंगवा रखी हैं। किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर के लिए कर्मचारियों को उनके आवास पर जाना पड़ता है।दफ्तर से नेमप्लेट भी हटापटना विवि मुख्यालय स्थित कुलपति के कार्यालय से उनका नेमप्लेट भी हटा लिया गया है। 25 सितम्बर से कुलपति पीयू मुख्यालय नहीं पहुंचे हैं। पीयू मुख्यालय में कुलपति का कार्यालय कहां है यह लोगों को पता भी नहीं हैं। कार्यालय में छात्रों से मिलने के लिए शाम का वक्त पहले से निधारित था। अब वह भी उनके कार्यालय कक्ष से मिटा दिया गया है। 2006 में थी हनककुलपति वाईसी सिमाद्री अपने पहले कार्यकाल के दौरान सख्त तेवर के लिए जाने जाते थे। वर्ष 2006 में जब ये यहां कुलपति बनकर आये थे तो इनकी हनक कैम्पस के अंदर साफ दिखती थी। उनके कार्यालय के आसपास न तो कोई शिक्षक, न कोई कर्मचारी और न ही कोई छात्र नजर आता था। कॉलेज में निरीक्षण की सूचना मिलते ही सभी सर्तक हो जाते थे। उस समय कार्यालय में नहीं बैठने व डय़ूटी से गायब रहने के कारण राजभवन ने 20 जनवरी, 2007 को इन्हें बर्खास्त कर दिया था। दूसरी बार ये 2014 में पुन: कुलपति बनाये गये।
राजभवन करे कार्रवाई : कर्मचारी संघ
पटना विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमेश प्रसाद कहते हैं कि कुलपति के कार्यालय में नहीं बैठने से किसी भी कर्मचारी को उनसे मुलाकात करने में परेशानी होती है। किसी का फोन भी कुलपति रिसीव नहीं करते हैं। कर्मचारियों की समस्या सुनने वाला कोई विवि में नहीं है। राजभवन व शिक्षा मंत्री को इस दिशा में पहल कर कुलपति पर कार्रवाई करनी चाहिए। जब कोई कर्मचारी दफ्तर न आकर आवास से काम करता है तो उस पर कार्रवाई होती है तो अगर कुलपति दफ्तर नहीं आ रहे हैं तो कार्रवाई क्यों नहीं।
पदमुक्त कर देना चाहिए : छात्र संघ
पटना विवि छात्र संघ के उपाध्यक्ष अंशुमान कहते हैं कि सितम्बर से कुलपति अपने कार्यालय नहीं आ रहे हैं तो पहले तो उनका वेतन रोकते हुए उन्हें पदमुक्त कर देना चाहिए। दूसरा जब कुलपति ही स्वयं असुरक्षित हैं तो छात्र-छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है। छात्र-छात्राओं को विवि के अंदर कौन सुरक्षा देगा?
सुरक्षा में पर्याप्त पुलिस बल : डीएसपी
कुलपति की सुरक्षा के बाबत जब पुलिस उपाधीक्षक टाउन कैलाश प्रसाद से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि कुलपति की सुरक्षा में प्र्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये हैं। उनके आवास के सटे ही पटना कॉलेज में पुलिस चौकी भी है।
मुलाकात को लगा रहे चक्कर
पटना विवि मुख्यालय में दोपहर 1 बजे कुलपति से मिलने पहुंचे आकाश गौरव कहते हैं कि वे कुलपति से मुलाकात करने के लिए उनके कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो रही है। उनके आवास पर जाने पर सिपाही उनसे मिलने नहीं देता है।
मुंह खोलने से बचे रहे अधिकारी
पूरे मामले में जब कुलपति से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल आउट ऑफ रेंज बताता रहा। वहीं जब उनके आवास पर संर्पक करने का प्रयास किया गया तो कुलपति के नहीं होने की बात वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ने कही। इस संबंध में विवि के कुलानुशासक जीके पिल्लई व कुलसचिव संजय कुमार सिंह ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।

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