जहां आधार नहीं वहां महागठबंधन के सहारे जनाधार बढ़ाने उतरेगी कांग्रेस

जहां आधार नहीं वहां महागठबंधन के सहारे जनाधार बढ़ाने उतरेगी कांग्रेस

बांकीपुर, कुम्हरार व विक्रम से प्रत्याशी हैं रणक्षेत्र में

पटना साहिब जहां कांग्रेस को 2010 में मिले 26 हजार वोट वह सीट दे दी राजद को

जहां आये 32सौ वहां से पार्टी ने उतारा है उम्मीदवारदतीनों विधानसभा सीटों पर मिले दस हजार से कम वोट

विद्या सागर
पटना।
विधानसभा के चुनाव का खुमार अब राजधानी के लोगों पर सर चढ़ कर बोलने लगा है। पटना में तीसरे चरण में चुनाव होना है। 1 अक्टूबर से यहां नामांकन शुरू हो जायेगा। 28 अक्टूबर को पटना में मतदान होना है। ऐसे में सभी सियासी दलों ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। सभी गठबंधनों के उम्मीदवार भी लगभग तय हो चुके हैं। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने दोस्तों के सहारे सियासी मैदान में अपनी खोयी जमीन वापस लेने के लिए उतरेगी। कांग्रेस के लिए सबसे दिलचस्प बात यह है कि जहां से पार्टी को 2010 के विधानसभा चुनाव में दस हजार से भी कम वोट आये वहां पार्टी इस बार उम्मीदवार देकर जिले में खाता खोलने के लिए संघर्ष करेगी। पिछले चुनाव के आंकड़ों को देखें तो पटना जिले में सबसे अधिक वोट पार्टी को पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में मिले थे। 2010 का विस चुनाव पार्टी ने लम्बे अरसे बाद अकेले लड़ी थी जिसमें इस सीट पर 26082 मतों के साथ पार्टी के प्रत्याशी परवेज अहमद दूसरे स्थान पर रहे थे। इस चुनाव में जिले में इसी एक मात्र सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की जमानत बचाने में सफ ल रहे थे। लेकिन पार्टी इस चुनाव में इस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यह सीट गठबंधन के तहत राजद को चली गयी है। जबकि पिछले चुनाव में राजद प्रत्याशी राकेश कुमार को यहां से मात्र 8271 मत मिले थे, जो कुल वैध मत के 6.16 प्रतिशत है। इस बार 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का जदयू व राजद के साथ गठबंधन है। पटना में कांग्रेस को तीन सीटें बांकीपुर, कुम्हरार व विक्रम मिली हैं। पिछले चुनाव में बांकीपुर से कांग्रेस प्रत्याशी दुर्गा प्रसाद को 6018 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। कुल वैध मतों का पार्टी को मात्र 5.51 प्रतिशत प्राप्त हुआ था। जबकि दूसरे स्थान पर 17973 मतों के साथ राजद प्रत्याशी बिनोद कुमार श्रीवास्तव रहे थे। यहां भाजपा-जदयू गठबंधन के उम्मीदवार व भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री नितिन नवीन को रिकॉर्ड 78771 मत प्राप्त कर विजयी रहे। कुल वैध मतों के 72.06 प्रतिशत भाजपा, 16.40 प्रतिशत राजद एवं 5.51 प्रतिशत मत कांग्रेस को मिल थे। बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने इस चुनाव में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुमार आशीष को रणक्षेत्र में उतारा है। भाजपा की ओर से वर्तमान विधायक नितिन नवीन ही इनके सामने मुकाबले में होंगे। वहीं कुम्हरार विधानसभा क्षेत्र में पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कपिल देव यादव को 9254 मत प्राप्त हुए थे। ये 7.99 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर थे। 2010 के चुनाव में राजद व लोजपा का गठबंधन था। गठबंधन के तहत यह सीट लोजपा को मिली थी। लोजपा से कमाल परवेज इस सीट पर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि इस सीट से भाजपा के अरूण कुमार सिन्हा विजयी हुए थे। श्री सिन्हा को 83425 मत मिले थे जो कुल वैध मतों का 72.04 प्रतिशत था। इस बार महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस को मिली हैं। यहां से पार्टी ने अल्पसंख्यक अकील हैदर को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की तरफ से विधायक अरूण कुमार सिन्हा से इनका मुकाबला होगा। विक्रम विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में जब कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ी थी तो पार्टी प्रत्याशी संजीव सिंह को 3254 मत मिले थे। यहां से पार्टी उम्मीदवार 7 वें स्थान पर रहे थे। कुल वैध मतों का 2.47 प्रतिशत प्राप्त हुआ था। यहां दूसरे नंबर पर राजद-लोजपा गठबंधन के लोजपा प्रत्याशी सिद्धार्थ रहे थे। इन्हें 36613 मत प्राप्त हुए थे जो कुल मतों के 27.79 प्रतिशत था। इस सीट से भाजपा के अनिल कुमार चुनाव जीते थे। उन्हें 38965 मत प्राप्त हुए थे जो कुल मतों के 29.57 प्रतिशत था। इस चुनाव में यहां से कांग्रेस ने पिछले दफा लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़े सिद्धार्थ को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा के वर्तमान विधायक अनिल कुमार से इनका मुकाबला होगा। इस विधानसभा चुनाव में देखना यह दिलचस्प होगा कि कांग्रेस इस बार पटना जिले में खाता खोलने में सफल होती है या फिर आस ही रह जायेगी।

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