प्यार के बीच की हर दीवार गिराना चाहते थे भारतेंदु-सानिया
GROUND REPORT: प्यार के बीच की हर दीवार गिराना चाहते थे भारतेंदु-सानिया
पटना. बिहार में मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के जिस अजीजपुर बलिहारा गांव में रविवार को प्रेम प्रसंग को लेकर एक समुदाय के लोगों ने दूसरे समुदाय की लगभग पूरी बस्ती फूंक दी थी और चार लोगों की जान ले ली थी, वहां अभी भी दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि बस्ती में आग लगाने के पहले उपद्रवियों ने महिलाओं से छेड़खानी और लूटपाट भी की थी। कई महिलाएं अपनी आबरू बचाने जंगल में छिप गई थीं।
वे अभी भी गांव लौटने के लिए तैयार नहीं हैं। मंगलवार को पुलिस
हेडक्वार्टर से जारी आदेश के बाद सर्किल इंस्पेक्टर सुधाकर, थाना प्रभारी
आशुतोष कुमार और आईओ संदीप कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं, मृतक
भारतेंदु के परिजनों को पांच लाख रुपए का चेक दिया गया है।
भारतेंदु की बहन नीलम कहती है कि मैं, सानिया परवीन, भारतेंदु और
सानिया परवीन का भाई विक्की एक ही क्लास में बचपन से पढ़ते आ रहे हैं।
हमारी दोस्ती शुरू से ही गहरी थी। स्कूल जाने से लेकर खेलने तक हम साथ ही
रहा करते थे। भारतेंदु और परवीन के बीच प्यार कब पनपा ये तो हमें पता नहीं
लेकिन जब हम क्लास 8वीं में थे तब से ये दोनों ज्यादतर हमलोगों से नजरें
बचाकर खेत और बागीचा में मिला करते थे।
हम जब इसका मजाक उड़ाते थे तो परवीन पहले तो इसे टाल जाया करती थी,
लेकिन मेरी शादी के बाद तो वो भारतेंदु से शादी के लिए कई बार अपनी इच्छा
व्यक्त कर चुकी थी।
नीलम कहती है कि भारतेंदु और परवीन की दोस्ती का विक्की पहले विरोध
नहीं किया करता था। लेकिन मैट्रिक की परीक्षा में हम चारों में सिर्फ
भारतेंदु के पास होने पर विक्की काफी नाराज हो गया था। दोनों के बीच इसके
बाद संबंध ठीक नहीं थे। बातचीत भी बंद हो गई थी। लेकिन परवीन अक्सर
भारतेंदु से मिला करती थी। विक्की को यह पसंद नहीं था। छह माह पहले दोनों
को साथ देख कर विक्की ने आपा खो दिया था। तब भारतेंदु और विक्की में जमकर
मारपीट हुई थी। विक्की ने भारतेंदु को जान से मारने की धमकी दी थी। दोनों
परिवारों के बीच पंचायती भी हुई थी। लेकिन कोई हल नहीं निकला। भारतेंदु और सानिया ने सभी से नजरें बचाकर मिलना जारी रखा। फिर नए साल के पहले दिन विक्की ने भारतेंदु से दोस्ती का हाथ बढ़ाया।
दोनों में फिर से दोस्ती हो गई। इस दोस्ती का ही वास्ता देकर विक्की ने
भारतेंदु को 8 जनवरी को बुलाया। सऊदी अरब ले जाने का झांसा भी दिया। जब
भारतेंदु इसके लिए तैयार नहीं हुआ तो उसने 9 जनवरी को फिर उसे बुलाया। उसके
बाद रविवार को भारतेंदु की लाश ही मिली और लाश मिलने के बाद हिंसा-आगजनी में चार और जानें चली गईं।
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